हरियाणा हिंसा में बाल-बाल बचे महिला जज और उनकी 3 साल की बेटी
नूंह शहर के थाने में दर्ज एफआइआर में बताए गया कि आंतरिक मुख्य न्यायालय मजिस्ट्रेट अंजलि जैन की गाड़ी पर हिंसा वाले दिन 31 जुलाई को हमलावरों ने पथराव और गोलीबारी करी। जिसके कारण उन्हें और उनकी बेटी को अपनी जान बचाकर भागना पड़ा । जज उनकी बेटी और कर्मचारियों को नूंह के पुराने बस स्टैंड की एक वर्कशॉप में शरण लेनी पड़ी। जिसके बाद में कुछ वकीलों ने जान बचाई।
हरियाणा के नूंह के एक आंतरिक मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट और उनकी 3 वर्षीय बेटी एवं कर्मचारी उस समय बाल-बाल बच गए जब धार्मिक जुलूस पर हंगामे के दौरान भीड़ ने उनकी कार पर हमला कर दिया और आग लगा दी । जज अपनी बेटी के साथ नूंह जिला अदालत के पास पुराने बस स्टैंड पर एक वर्कशॉप के अंदर छुप गई। हिंसा के बाद दर्ज FIR के मुताबिक 31 जुलाई को धार्मिक यात्रा पर हमले के दौरान भीड़ ने नूंह की महिला जज की गाड़ी पर हमला कर उसमें आग लगा दी | हमले में जज और उसकी 3 साल की बेटी बाल बाल बचे।
नूंह थाने में मंगलवार को दर्ज FIR में बताया गया कि आंतरिक मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अंजलि जैन की गाड़ी पर हिंसा वाले दिन 31 जुलाई को हमलावरों ने पथराव और गोलीबारी करी जिसके कारण उन्हें और उनकी बेटी को अपनी जान बचाकर भागना पड़ा।
जज, उनकी बेटी और कर्मचारियों को नूंह के पुराने बस स्टैंड की एक वर्कशॉप में शरण लेनी पड़ी। जिन्हें बाद में कुछ वकीलों ने बचा लिया | — ACJM की अदालत में प्रोसेसर सर्विस के रूप में काम करने वाले टेकचंद की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज की गई है।
सिटी नूंह पुलिस स्टेशन में FIR से पता चला कि दोपहर करीब 1:00 बजे जज अंजलि जैन अपनी बेटी गनमैन सियाराम और टेकचंद ACJM के नाम पर रजिस्टर बोकस वैगन कार में कुछ दवाई लेने के लिए एसकेएम मेडिकल कॉलेज ,नलहर गए थे।
दोपहर जब लौटे तो बस स्टैंड के पास 100 से 150 दबंगों ने उन पर हमला कर दिया। जिसके बाद जज, उनकी बेटी और स्टाफ को वकीलों ने बचाया। अगले दिन जब जज का एक स्टाफ सदस्य मौके पर लौटा तो उसने देखा कि कार जलकर खाक हो गई है।
बता दें कि भीड़ द्वारा विश्व हिंदू परिषद की धार्मिक यात्रा को रोकने की कोशिश करने के बाद 31 जुलाई को नूंह में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के चलते नूंह और पलवल में धारा 144 लागू है। नूंह में शुरू हुई सांप्रदायिक हिंसा मंगलवार को गुरुग्राम में भी फैल गई और वहां भीड़ ने एक मौलवी की हत्या कर दी और दुकानों में तोड़फोड़ की। हरियाणा सरकार के अनुसार हिंसा में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है। 116 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं जबकि 90 लोगों को हिरासत में लिया गया है।