OYO के मालिक रितेश अग्रवाल को जब मिली थी ₹20 की टिप्स, गुस्सैल कस्टमर ने लगाई थी जमकर लताड़
रितेश अग्रवाल ने जब OYO की शुरुआत की थी । तो उन्हें शुरुआती दिनों में कभी क्लीनिंग क्रू ,तो कभी डेस्क मैनेजर का काम देखना पड़ता था | हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री को करीब से जानने के लिए उन्होंने हर वह काम किया जो जरूरी था । हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान रितेश अग्रवाल ने बताया कि कैसे एक कस्टमर ने गुस्से में उनकी क्लास भी लगा दी थी।
OYO के सीईओ रितेश अग्रवाल ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपने करियर की शुरुआत के दिन को याद दिलाया रितेश ने बताया कि एक वक्त था जब वह न केवल अपनी हॉस्पिटैलिटी कंपनी के बहुत से बल्कि जरूरत पड़ने पर फ्रंट डेस्क मैनेजर और सफाई कर्मचारी भी बने ।29 वर्षीय रितेश अग्रवाल कॉलेज ड्रॉपआउट थे। उनके इस फैसले ने उन्हें अरबपति पीटर थिएल की थिएल फैलोशिप के लिए एलिजिबल बना दिया।
फेलोशिप ने की मदद
रितेश अग्रवाल को फेलोशिप के रूप में $100,000 लगभग ₹8 करोड़ 25 लाख की ग्रांट मिली थी। वह यह ग्रांट पाने वाले पहले एशियाई थे ।इस फेलोशिप की मदद से उन्हें भारत लौटने और OYO शुरू करने में मदद मिली । जब OYO की नई शुरुआत हुई तब जरूरत पड़ने पर रितेश अग्रवाल को कभी-कभी होटल स्टाफ के रूप में काम करना पड़ता था और कभी वह लर्निंग क्रू, तो कभी कस्टमर केयर और कभी फ्रंट डेस्क मैनेजर बनते थे । एक इंटरव्यू में रितेश अग्रवाल ने एक घटना का जिक्र किया एक बार वह होटल के कमरे को साफ करने के लिए गए थे तभी वहां एक नाराज कस्टमर इंतजार कर रहा था उन्होंने डांट लगाई थी क्योंकि क्लीनिंग क्रू 10 मिनट लेट था।
ग्राहक ने समझ लिया था क्लीनिंग क्रू
ग्राहक को लगा कि रितेश अग्रवाल क्लीनिंग ग्रुप का हिस्सा है और देरी के लिए उन्हें फटकार लगाई गई। कस्टमर को ऐसा इसलिए लगा कि रितेश अग्रवाल की टीम पहले दूसरे कमरे की सफाई कर रहे थे। रितेश अग्रवाल ने उस कमरे की भी अच्छी तरह से सफाई की और कस्टमर उनके काम से इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने उसे ₹20 की टिप दी |
रितेश अग्रवाल ने बताया कि यह सिर्फ एक यादगार घटना ही नहीं बल्कि एक सबक भी है। यह हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में हाउसकीपिंग मैनेजर और बाकी स्टाफ की भूमिका समझाती है । हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री के असली स्टार ऑफिस मैनेजर ,सफाई कर्मचारी ,रिसेप्शनिस्ट है जो यह सुनिश्चित करते हैं कि मेहमान एक अच्छा एक्सपीरियंस लेकर जाए |