डायबिटीज का दुश्मन है यह फूल, ऐसे करें इसका सेवन
आयुर्वेद में जावित्री को औषधि माना गया है इसमें एंटी वायरल, एंटीऑक्सीडेंट ,एंटी बैक्टीरियल ,एंटी इंफ्ले मेट्री के गुण पाए जाते हैं । यह कई तरह की बीमारियों के लिए बेहद फायदेमंद होता है । जायफल और जावित्री दोनों एक ही पेड़ से उत्पन्न होते हैं । जावित्री के फूल से शुगर को कंट्रोल करने में काफी मदद मिलती है।
मधुमेह डायबिटीज एक आम समस्या हो गई है। पहले डायबिटीज 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को हुआ करती थी। लेकिन अब जेनेटिक होने के कारण कम उम्र के लोग इसका शिकार होने लगे हैं समय रहते इसे कंट्रोल करना भी जरूरी है । अगर हम पुराने खानपान को अपनी डाइट में शामिल करें तो हमें डायबिटीज की समस्या से छुटकारा मिल सकता है । पहले हर भारतीय किचन में कई तरह के गरम मसालों का इस्तेमाल किया जाता था | इसमें जावित्रि भी शामिल थी। जावित्री के फूल का हम सेवन करें तो इससे ब्लड शुगर कंट्रोल किया जा सकता है। इतना ही नहीं जावित्री के साथ-साथ इसके पौधे से जायफल निकलता है। यह भी कई तरह की बीमारियों में इस्तेमाल किया जाता है।
डायबिटीज में ब्लड शुगर का लेवल बढ़ जाता है। इससे आंख ,किडनी और हार्ट की बीमारियां पनपने लगती है । वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक दुनिया भर में 42.2 करोड़ लोग डायबिटीज के शिकार हैं। इसमें करीब 15,00,000 लोगों की मौत हर साल प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से डायबिटीज की वजह से होती है। मौजूदा समय में सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि भारत में आठ करोड़ से ज्यादा लोग डायबिटीज से पीड़ित है।
शुगर के मरीज के लिए जावित्री है रामबाण
आयुर्वेद में जावित्री को औषधि माना जाता है । इसमें एंटी वायरल ,एंटी बैक्टीरियल, एंटी इन्फ्लेमेटरी के गुण पाए जाते हैं । जायफल और जावित्री दोनों ही एक ही पेड़ से उत्पन्न होते हैं। जायफल फल के बीज हैं तो जावित्री फल के ऊपर फूल रूप में होता है। इसमें एंटी डायबिटीज के गुण पाए जाते हैं। इसलिए डायबिटीज के मरीज जावित्री का सेवन कर सकते हैं । इससे पाचन तंत्र भी मजबूत होता है जावित्री और जायफल पैक्रियाज में बीटा सेल्स को एक्टिव कर देता है। जिसके कारण नेचुरल इंसुलिन का उत्पादन होने लग जाता है।
कैसे करें सेवन
जावित्री को आमतौर पर गरम मसाले के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा पुलाव आदि में सूखी जावित्री डाल दी जाती है । हालांकि इस सब में बेहतर यह है कि डायबिटीज के मरीजों को रोजाना जावित्री की चाय पीनी चाहिए । इसके लिए एक गिलास पानी में जावित्री के कुछ टुकड़े डालकर अच्छी तरह से उबालें और छान कर उसमें शहद मिलाकर पी सकते हैं । शहद की जगह गुड भी इस्तेमाल कर सकते हैं। आप इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य ले सकते हैं।
क्या होती है जावित्री
जावित्री जिसका इस्तेमाल हर भारतीय किचन में होता है। यह जायफल के पेड़ के सुखकेदार छाल होती हैं। इसी पेड़ के बीज को जायफल कहा जाता है । इसका इस्तेमाल डायबिटीज ही नहीं बल्कि कई समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। इससे शरीर की इम्यूनिटी क्षमता दुरुस्त होती है। पुराने जमाने में जावित्री का इस्तेमाल औषधि दवाओं को बनाने के लिए किया जाता रहा है |