सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आयोग की रिपोर्ट की मंजूर, नोटिफिकेशन की इजाजत
सुप्रीम कोर्ट ने निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने के मुद्दे पर सुनवाई करते हुए योगी सरकार के पक्ष में बड़ा फैसला सुनाया गया है ओबीसी आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया गया है साथ ही कोर्ट ने 2 दिन के भीतर निकाय चुनाव का नोटिफिकेशन जारी करने की इजाजत दे दी है सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से निकाय चुनाव में ओबीसी के संरक्षण को बंधित करने के विपक्ष के मंसूबों को करारा झटका लगा है।
मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा है कि हमारे आदेश के बाद यूपी सरकार ने यूपी पिछड़ा वर्ग आयोग के लिए एक अधिसूचना जारी की थी पीठ ने आदेश में नोट किया आयोग का कार्यकाल 6 महीने का था और इसे 21 मार्च 2023 तक अपना कार्य पूरा करना था | सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि आयोग ने 9 मार्च को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी थी| इसके बाद पीठ ने यह स्पष्ट करते हुए मामले का निस्तारण कर दिया कि उसके आदेश में दिए गए निर्देशों को को मिसाल के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जाएगा वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वीकार किया है और उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा ओबीसी आयोग की रिपोर्ट स्वीकार कर ओबीसी आरक्षण के साथ नगरीय न्यायिक चुनाव करने का आदेश स्वागत योग्य है
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार ओबीसी आरक्षण हेतु प्रतिबद्ध थी एवं सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए समय सीमा के भीतर ही सारी कार्रवाई कर ली गई है और उन्होंने कहा कि विधि सम्मत तरीके से आरक्षण के नियमों का पालन करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार समयबद्ध ढंग से नगरीय निकाय चुनाव करने हेतु प्रतिबंध है गौरतलब है कि निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर विपक्ष के लोगों ने बैकडोर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करवाई थी और सरकार के निर्णय को प्रभावित करने की कोशिश की थी मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बिना ओबीसी आरक्षण के तत्काल निकाय चुनाव कराने का निर्णय दिया था
जिस पर योगी आदित्यनाथ ने साफ कर दी थी कि प्रदेश सरकार दलित पिछड़ा समेत समाज के सभी वर्गों के लिए समप्रीत है बिना भेदभाव के सबका साथ सबका विकास की भावना के साथ कार्य कर रही है हम बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव नहीं करेंगे इसके बाद सरकार ने ओबीसी आयोग का गठन किया गया था और हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी कि जिस पर 27 मार्च को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के तत्काल चुनाव कराने के आदेश पर रोक लगाते हुए ओबीसी आरक्षण को सुनिश्चित कराने के लिए गठित आयोग को 31 मार्च के भीतर अपनी रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था | सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आयोग ने अपना कार्य करना शुरू कर दिया आयोग ने अपनी रिपोर्ट तैयार करने के लिए 75 जिलों का दौरा किया और सर्वे के बाद 9 मार्च को 330 पन्नों की सरकार को अपनी रिपोर्ट पेश करें वहीं आयोग की रिपोर्ट और सिफारिश को सरकार ने 15 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दिया था जिस पर आज सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने योगी आदित्यनाथ की सरकार के पक्ष में फैसला दिया है और आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है साथी ओबीसी आरक्षण के साथ निकाय चुनाव कराने की अनुमति दे दी गई है।