चीन सीमा पर तैनात की जाएगी प्रलय मिसाइल
चीन के साथ सीमा विवाद के बीच भारतीय सेना पहली बार टेक्निकल ऑपरेशन के लिए पलय बैलेस्टिक मिसाइल तैनाती करने की तैयारी कर रही है यह मिसाइल 150 से 500 किलोमीटर तक अपने टारगेट को निशाना बना सकती हैं भारतीय -चीन सीमा पर इस मिसाइल की तैनाती की प्रक्रिया शुरू हो गई है अगले हफ्ते एक हाई लेवल मीटिंग में इसे मंजूरी मिल सकती है इस बीच प्रोजेक्ट 75 की पांचवी कलवारी क्लास पनडुब्बी यार्ड 11879 वागीर मंगलवार को इंडियन नेवी को सौंप दी गई प्रोजेक्ट 75 के तहत स्कॉर्पीन डिजाइन की कुल 6 शब्द देसी पनडु्बी या बनाई जानी है
भारत की तीनों सेनाएं इस समय रॉकेट फोर्स बनाने के प्रयास में है दिसंबर 2021 में लगातार दो दिन में 2 बार इस मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था तब से भारतीय सेना में इसे शामिल करने की कवायद जारी है
प्रलय चीन की डोंगफेंग मिसाइल का मुकाबला करेगी खास बात यह है इससे रात को भी हमला किया जा सकता है प्रलय जमीन से जमीन पर मार
करने वाली प्रवासी मिसाइल है रिपोर्ट की माने तो प्रलय के निर्माण की बात 2015 से ही चल रही थी डीआरडीओ ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में इस मिसाइल का जिक्र किया था
हाल ही में नौसेना प्रमुख एडमिरल आज हरि कुमार ने कहा था की स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत रॉकेट बनाने पर काम कर रहे थे ताकि सीमा पर दुश्मन को काउंटर किया जा सके प्रलय मिसाइल की तैनाती इसी मिशन का हिस्सा है चीन के पास पढ़ने के स्तर की डोंगफेंग 12 मिसाइल है जबकि पाकिस्तान के पास गजनवी, M-11 और शाहीन मिसाइल है | गजनी BM-11 पाकिस्तान को चीन से मिली है गजनबी 320 किलोमीटर 300 किलो-मीटर और शाहीन 750 किलोमीटर रेंज की मिसाइल है ऐसे में पढ़ने की तैनाती से दुश्मन की चुनौतियों का जवाब देने की क्षमता हासिल की जा सकेगी डीआरडीओ ने अभी तक पढ़ने की गति का खुलासा नहीं किया है लेकिन प्रलय मिसाइल दूसरे short-range मिसाइलों की तुलना में ज्यादा घातक बताई जा रही है इसकी सटीक मारक क्षमता इसे चीन की बैलिस्टिक मिसाइल का मुकाबला करने में पूरी तरह सक्षम बनाती है इसे जमीन के साथ-साथ काउंटर लांचर से भी लांच किया जा सकता है |
डिजाइन पनडुब्बी आज नेवी में शामिल की गई| इन पनडु्बी का निर्माण मझगांव डॉक बिल्डर्स लिमिटेड मुंबई में किया जा रहा है | फ्रांस इसमें सहयोग कर रहा है, दोनों कंपनियों के बीच 6 सबमरीन तैयार करने के लिए 2005 मैं करार हुआ था नौसेना के अधिकारियों ने बताया कि पनडुब्बी से भारतीय नौसेना की ताकत में इजाफा हो जाएगा
बागीर को 12 नवंबर 2020 को लांच किया गया था 1 फरवरी 2022 से बागीर ने समुद्र ट्वेल्थ शुरू किए इसने दूसरे पनडुब्बियों के मुकाबले सबसे कम समय में हथियार और सेंसर के प्रमुख ट्रायल पूरे कर लिए| डिजाइन की सभी सबमरीन एंटी सरफेस वारफेयर एंटी सबमरीन वारफेयर खुफिया जानकारी जुटाना माइन लगाने और एरिया सर्विलेंस का काम कर सकते हैं