अब जल्दी ही शुरू होने वाली है स्लीपर वंदे भारत ट्रेन, रूसी कंपनी को दिया है इसका ठेका
जल्द ही रेल यात्रियों को स्लीपर वंदे भारत ट्रेन की सौगात मिलने वाली है। हालांकि फिलहाल वंदे भारत पूरी तरह से चेयर कार ट्रेन है यानी इस ट्रेन में केवल बैठकर ही यात्री सफर कर सकते हैं। सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस लोगों को खूब पसंद आ रही है । यह ट्रेन 160 किलोमीटर की स्पीड से दौड़ सकती है और इसमें कई सारी मॉडर्न टेक्निक भी शामिल है। जिस वजह से इस ट्रेन को रेल यात्री काफी पसंद कर रहे हैं।
भारत देश में सबसे तेज चलने वाली सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन है । यह लोगों को खूब पसंद आ रही है | यह ट्रेन 160 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ सकती है और इसमें कई सारी मॉडर्न टेक्नोलॉजी भी शामिल है जिसकी वजह से इस ट्रेन को यात्री काफी पसंद कर रहे हैं । हालांकि वंदे भारत पूरी तरह से चेयर कार ट्रेन है यानी इस ट्रेन में केवल यात्री बैठकर ही सफर तय करते हैं लेकिन अब जल्दी ही रेल यात्रियों को स्लीपर वंदे भारत ट्रेन की खुशखबरी भी मिलने वाली है।
जल्द मिलेगी स्लीपर वंदे भारत ट्रेन की सौगात
स्लीपर वंदे भारत ट्रेन को बनाने के लिए रेलवे ने एक रूसी कंपनी को ठेका दिया है | TMH-RVNL नाम की इस कंपनी ने सबसे छोटी बोली लगाकर ट्रेन को बनाने का टेंडर अपने नाम कर लिया है । इसमें TMH एक रूसी कंपनी है लेकिन RVHL भारतीय रेलवे की ही एक इकाई है | एक ट्रेन को बनाने में करीब 12 सौ करोड़ की लागत आएगी।
कितने रेक्स बनने का मिला है ठेका
इस कंपनी को वंदे भारत एक्सप्रेस के 120 पैक बनाने का ठेका दिया गया है कंपनी ने एक रैंक को बनाने के महाराष्ट्र के लातूर में तैयारियों को शुरू कर लिया है | यहीं पर इस ट्रेन के रैक को बनाया जाएगा | रेलवे के मुताबिक कंपनी को लेटर ऑफ ऑर्डर भी जारी कर दिया गया है।
कब तक बनकर तैयार हो जाएगी स्लीपर वंदे भारत ट्रेन
हालांकि अभी तक इस बात की कोई जानकारी नहीं मिल पाई है कि स्लीपर वंदे भारत ट्रेन का निर्माण कब तक पूरा होगा। नीलामी की बोली जीतने वाली कंपनी ने इसके लिए 200 करोड़ रुपए की गारंटी वाले बॉन्ड को जारी कर दिया है | इस पूरे प्रोजेक्ट की कीमत करीब ₹50000 करोड़ के आसपास बताई जा रही है | टेंडर जीतने वाली एक कंपनी 35 साल के लिए वंदे भारत की देखरेख का काम भी करेगी।
कैसी होगी स्लीपर वंदे भारत ट्रेन
स्लीपर वंदे भारत ट्रेन में फर्स्ट एसी, 3 सेकंड एसी और 11 थर्ड एसी के कोच लगाए जाएंगे । ट्रेन का पहला और आखिरी पोस्ट दिव्यांगों को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा ताकि उनको ट्रेन में चलने पर कोई परेशानी ना हो। वही स्लीपर वंदे भारत ट्रेन का इंटीरियर बनाने का काम टाटा स्टील को सौंपा गया है इससे पहले भी टाटा स्टील ने 22 वंदे भारत ट्रेन में सीटों और 16 वंदे भारत ट्रेन में इंटीरियर का काम किया है।