नामीबिया से लाई गई मादा चीता साशा की मौत, कई दिनों से थी बीमार
मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाई गई 5 साल की मादा चीता साशा की मौत अब हो चुकी है पिछले कुछ महीनों पहले नामीबिया से आठ चीते लाये गए थे राज्य सरकार ने एक बयान में कहा था कि मादा चीता की मौत किडनी से संक्रमण के चलते हुई थी जनवरी महीने में इस संक्रमण के बारे में पता चला था।
मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता की मौत की दुखद खबर सामने आई है। 7 महीने पहले नामीबिया से लाई गई मादा चीता साशा की मौत हो चुकी है कहा जा रहा है कि किडनी में इन्फेक्शन के चलते मादा चीता साशा की मौत हो गई है वन विभाग की एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पूरी जानकारी दी है कि नामीबिया से लाए गए 8 चीतों में एक साशा भी शामिल थी | साशा की उम्र 5 साल बताई जा रही है 17 सितंबर से मध्यप्रदेश के श्योरपुर जिले के नेशनल पार्क में शिफ्ट किया गया था।
साशा की तबीयत खराब थी और वह लगातार डॉक्टरों की निगरानी में थी डॉक्टरों का कहना है कि उसकी तबीयत में सुधार भी हुआ था आकर उसे बचाया नहीं जा सका 22 जनवरी को किडनी की बीमारी से पीड़ित होने की जानकारी मिली थी।
भारत में आने से पहले बीमारी की आशंका
इस खबर में बताया जा रहा है कि भारत की धरती पर आने से पहले ही मादा चीता को कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्या थी सरकार का कहना है कि जब उसकी भारत में जांच पड़ताल की गई तो पता चला कि उसके ब्लड सैंपल में क्रिएटिनिन का हाई लेवल यह किडनी की समस्या की शुरुआती संकेत है | कुल मिलाकर कहने का मतलब यह है कि भारत में आने से पहले साशा किडनी की समस्या से जूझ रही थी भारत लाए गए अन्य चीते पूरी तरह स्वस्थ है साशा की मौत होने के बाद उन्होंने चीते की संख्या 20 से घटकर 19 रह गई है।
भारत में 8 चीते लाए गए थे
पिछले साल सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन के उपलक्ष पर नामीबिया से लाए गए 8 चीतों में से 5 मादा और तीन नर को श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में उन्हें छोड़ा गया था इसके बाद फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों का दूसरा जत्था भारत लाया गया था | इन 12 चीतों में से सात नर और 5 मादा शामिल थी इन्हें फिलहाल कूनो नेशनल पार्क के क्वारंटाइन बाड़े में रखा गया है।