सी एन जी किट लगाते समय इन बातों का रखें खास ध्यान नहीं तो मुश्किल में पड़ सकते हैं आप
अगर आपकी कार में सीएनजी किट नहीं लगी है और आप बाहर से लगाना चाहते हैं तो कुछ बातों का आप आवश्यक ध्यान रखें | अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो कई तरह के नुकसान हो सकते हैं जिसमें इंश्योरेंस कंपनियों से एक्सीडेंट होने पर पूरा क्लेम नहीं मिलेगा इतना ही नहीं कंपनियां ऐसा क्लेम को खारिज कर देती है।
देश में लगातार प्रदूषण की समस्या बढ़ती जा रही है इसके अलावा पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छू रही है ऐसे में अगर आपके पास नई कार लेने का बजट नहीं है तो आप पुरानी कार को कम खर्च में चढ़ा सकते हैं इसके लिए आप अपनी कार में सीएनजी लगा सकते हैं सीएनजी किट लगाने के बाद सबसे ज्यादा जरूरी दो काम होते हैं जिन्हें करवाने के बाद आप बिना किसी परेशानी के सीएनजी कार के फायदे उठा सकते हैं अगर ऐसा ना किया जाए तो कई तरह की मुसीबतों में आप आ सकते हैं।
सीएनजी सबसे ज्यादा इको फ्रेंडली फ्यूल में से एक है | यह सेफ्टी के लिए आज से काफी अच्छी होती है अगर लिख भी हो जाए तो हवा में काफी तेजी से घुलमिल जाती है सीएनजी कारों का माइलेज 50 फ़ीसदी तक बढ़ जाता है ऐसे में सीएनजी किट लग जाते समय इन बातों का जरूरत का ध्यान रखना चाहिए।
यह काम करना है बहुत जरूरी :-
कुछ लोग बाजार में सीएनजी किट लगाने के बाद बड़ी गलतियां कर बैठते हैं ऐसे में अगर आप बाहर से सीएनजी किट लगवा रहे हैं तो रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और इंश्योरेंस पॉलिसी में सीएनजी किट जरूर दर्ज कराने ऐसे नहीं करवाने पर एक्सीडेंट होने की स्थिति में मुश्किल और बढ़ सकती है कंपनी क्लेम देने में मना कर सकती है इसलिए जरूरी है कि सीएनजी किट लगवाने के बाद आरसी और बीमा पॉलिसी में सीएनजी किट को जरूरी चढ़ाव आए | आरसी के लिए नजदीकी आरटीओ ऑफिस में जानकारी देना होता है किसी भी बहन को खरीदने पर परिवहन विभाग की ओर से रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट दिया जाता है जिसमें वहां से जुड़ी सभी जानकारी होती है।
होंगे बड़े नुकसान :-
सीएनजी किट की जानकारी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट पर दर्ज है लेकिन इंश्योरेंस पॉलिसी में इसका जिक्र नहीं है ऐसी स्थिति में एक्सीडेंट होने पर जब आप क्लेम दर्ज करते हैं तो इंश्योरेंस कंपनी आपको क्लेम देगी लेकिन कंपनी आपको पूरा क्लेम नहीं देगी क्लेम सेटल्ड और नॉन स्टैंडर्ड बेसिस पर होगा | कंपनी करीब क्लेम की कुल पैसों का 25 फ़ीसदी कटौती कर सकती है इसलिए जरूरी है कि इंश्योरेंस कराते समय सीएनजी किट को इंश्योरेंस जुड़वा ले।
वहीं अगर सीएनजी किट की जानकारी ना रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट में दर्ज है और ना ही पॉलिसी में दर्ज है ऐसी स्थिति में एक्सीडेंट होने पर इंश्योरेंस कंपनी किसी भी तरह का क्लेम देने से मना कर सकती है इसके अलावा बाहर से सीएनजी लगवा कर बिना रजिस्ट्रेशन में दर्ज बिना कार चलाना गैरकानूनी माना जाता है इसके लिए चालान भी हो सकता है।