पिछले 1 साल में आए एक लाख से अधिक धोखाधड़ी के मामले हैरान कर देने वाले हैं यह आंकड़े
सरकारी आंकड़ों की बात करें तो पिछले साल के दौरान लगभग एक लाख यूपीआई फ्रॉड के मामले दर्ज किए गए हैं । वित्त मंत्रालय की तरफ से साझा किए गए आंकड़ों में यह बात निकलकर सामने आई है कि पेटीएम, गूगल पे, फोन पे और इस तरह के बाकी यूपीआई बैंक के जरिए पैसे भेजने वाले 95,000 से भी ज्यादा लोग फ्रॉड का शिकार हुए हैं। इनमें से ज्यादातर घटनाएं निजी जानकारी शेयर करने की वजह से हुई है।
यूपीआई के शुरू होने के बाद यह लोगों की सुविधाओं की खासा इजाफा हुआ है। हालांकि इसका दूसरा पक्ष यह भी है कि पिछले कुछ वक्त के दौरान इससे संबंधित फ्रॉड की कई सारी घटना सामने देखने को मिली है। पिछले कुछ वक्त के दौरान ऑनलाइन ठगी की वारदात मे काफी तेजी नजर आई है । जालसाज नए और टेक्निक तरीके से ठगी की वारदातों को अंजाम देते हैं । अब सरकार ने भी इस बात पर आंकड़ा सामने रखा है कि ऑनलाइन फ्रॉड कितनी तेजी से बढ़ रहा है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों की बात करें तो पिछले 1 साल के दौरान लगभग एक लाख यूपीआई फ्रॉड के मामले दर्ज किए गए हैं। वित्त मंत्री की तरफ से यह साझा किए गए आंकड़ों में यह बात निकलकर सामने आई है कि पेटीएम, गूगल पे, फोन पे और इस तरह की बाकी यूपी के जरिए पैसे भेजने वाले 95,000 से भी ज्यादा लोग फ्रॉड का शिकार हो रहे हैं। इनमें से ज्यादा घटाएं निजी जानकारी शेयर करने की वजह से हुई है। जिस वजह से कई बार बैंकों की तरफ से भी अपने ग्राहकों को यह सलाह दी जाती है कि वह अपनी निजी बैंक की जानकारी किसी से भी शेयर ना करें।
इस तरह लगता है चुना
साइबर ठग फोन पर ओटीपी भेज कर क्यूआर कोड को स्कैन करवा कर इस तरह के बाकी तरीके से आपके पैसों पर अपना हाथ साफ कर लेते हैं। बैंकों और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया भी बैंक कस्टमर को फ्रॉड से बचने के तरीके बताते रहते हैं। कई बार ऐसा होता है कि जालसाज आपको कोई क्यूआर कोड भेजता है और कहता है कि इसे स्कैन करके पैसे जीत सकते हैं। ऐसे मामलों में फ्रॉड होते हैं और हमें इससे बचकर रहना चाहिए। इसके अलावा फेक ओटीपी और फेक कस्टमर केयर के जरिए भी साइबर ठग आप को चुना लगा सकते हैं।