बजट 2023 में आईटीआर में ₹1 का ब्याज छुपाना भी पड़ सकता है भारी टैक्स डिपार्टमेंट का आदेश
अगर आप आइटीआर फाइल करते समय इन्वेस्ट के रूप में हुई आय को छुपा रहे हैं तो आपको टैक्स डिपार्टमेंट का नोटिस मिल सकता है साथ ही आप पर पेनल्टी लग सकती है इससे पहले इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 285 बी ए के तहत बैंकों और फाइनेंस कंपनियों को इंटरेस्ट की रकम ₹5000 से ज्यादा होने पर ही ऐसे ट्रांजैक्शन की सूचना देनी होती थी अब यह लिमिट खत्म कर दी गई है
अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय गलती से भी इन्वेस्ट के रूप में आए को छुपा रहे हैं तो मुश्किलें में आप बस सकते हैं ऐसे में आपको टैक्स डिपार्टमेंट का नोटिस मिल सकता है साथ ही आपका इंटरेस्ट पर टेस्ट के साथ पेनल्टी जमा करनी पड़ सकती है दरअसल टैक्स चोरी रोकने के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पोस्ट ऑफिस और प्राइवेट कंपनियों जैसे वित्तीय संस्थानों के लिए अपने डिपॉजिट को दिए गए ब्याज की डिटेल बताना अनिवार्य कर दिया गया है इससे पहले इनकम टैक्स के सेक्शन 25 बी ए के तहत बैंकों और फाइनेंस कंपनियों को इंटेक्स की रकम 5000 से ज्यादा होने पर ही ऐसी ट्रांजैक्शन की सूचना देनी होती थी.
बैंकों पर खत्म की 5000 की लिमिट :- इंटरेस्ट इनकम के लिए स्टेटमेंट ऑफ फाइनेंस ट्रांजैक्शन जमा कराना होता है, जिसे 2021 में नोटिफाई किया गया था अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 5 जनवरी 2023 को एक नोटिफिकेशन जारी किया गया जिसमें बैंकों और प्राइवेट कंपनियों के लिए ₹5000 की लिमिट खत्म कर दी गई है इसका मतलब है कि अगर डिपॉजिट या अकाउंट होल्डर को एक भी रुपए का ब्याज दिया गया तो बैंक और फाइनेंस कंपनियों को इसकी सूचना देनी होगी हालांकि इससे jan-dhan खातों को छूट दी गई है
ब्याज आए नहीं दिखाने के मामले होंगे कम
वित्त वर्ष के दौरान बैंकों और फाइनेंस कंपनियों से हुई ब्याज आय से जुड़ी जानकारी एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट में नजर आती है इस नए फैसले से टैक्स डिपार्टमेंट को टेक्स्ट पर द्वारा ब्याज आय कम दिखाने के मामलों में कमी लाने में मदद मिलेगी
इनकम टैक्स का मिल सकता है नोटिस
इसके अलावा उस हर व्यक्ति के लिए ब्याज आय को इनकम फ्रॉम दर सोर्सेस के हेड में घोषित करना जरूरी है जिनके लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी है भले ही वह सेक्शन 80OTTA या 80TTB के तहत डिडक्शन क्लेम कर रहे हो इंटरेस्ट इनकम घोषित नहीं करने पर ब्याज और पेनल्टी के साथ कर का भुगतान करना पड़ सकता है साथ ही टैक्स पर को टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से नोटिस भी मिल सकता है