विदेश मंत्री जयशंकर ने पाकिस्तान पर किया तीखा हमला, कहा कि आतंकवाद से निपटने की विश्वसनीयता मुल्क के विदेशी मुद्रा भंडार से भी नीचे
पाकिस्तान पर टिप्पणी करते हुए जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद से निपटने में पाकिस्तान की विश्वसनीयता उसके विदेशी मुद्रा भंडार से भी ज्यादा तेजी से कम हो रही है। भारतीय विदेश मंत्री से जब यह सवाल पूछा गया कि क्या भारत और पाकिस्तान के बीच आतंकवाद की समस्या को लेकर कोई बातचीत हो सकती है। इस पर जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद से पीड़ित आतंकवाद के अपराधियों के साथ बैठकर आतंकवाद पर चर्चा नहीं करते हैं।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज यानी 5 मई को एससीओ के समिट में विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी पर तीखा हमला बोला। जयशंकर ने बिना नाम लेते हुए पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को आतंकवाद और आतंकवादियों को प्रमोट करने का आरोप लगाया।
जयशंकर का पाकिस्तान पर तीखा वार
पाकिस्तान पर तीखा वार करते हुए जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद से निपटने में पाकिस्तान की विश्वसनीयता उसके विदेशी मुद्रा भंडार से भी ज्यादा तेजी से कम हो रही है। भारतीय विदेश मंत्री से जब यह सवाल पूछा गया कि क्या भारत और पाकिस्तान के बीच आतंकवाद की समस्या को लेकर कोई बातचीत हो सकती है। इस पर जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद के पीड़ित आतंकवाद के अपराधियों के साथ बैठकर आतंकवाद पर चर्चा नहीं करते हैं।
जम्मू कश्मीर को लेकर भी रखी दो टुक राय
एससीओ शिखर वार्ता के बाद,विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि जम्मू कश्मीर हमेशा भारत का हिस्सा था है और रहेगा । जयशंकर ने कहा कि जरदारी एससीओ सदस्यों देश के विदेश मंत्री के तौर पर भारत में है। और लोगों को इससे ज्यादा कुछ नहीं देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि एससीओ सदस्य देश के विदेश मंत्री के तौर पर भुट्टो जरदारी के साथ वैसा ही बर्ताव किया गया।
चीन पाकिस्तान इकोनामिक कॉरिडोर पर भी दिया जवाब
जब तक चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के सवाल का सवाल है, जयशंकर ने कहा कि भारत अपनी घोषित स्थिति पर बहुत स्पष्ट है कि यह संपर्क और प्रगति के लिए अच्छा है। लेकिन यह राज्यों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन नहीं कर सकता है। इससे पहले आज एससीओ की बैठक में भारत और पाकिस्तान ने एक दूसरे पर परोक्ष रूप से कटाक्ष किया । जहां जयशंकर ने सीमा पर आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। वहीं जरदारी ने कहा कि केवल पॉलिटिकल पॉइंट पर स्कोरिंग के लिए आतंकवाद के मुद्दे को हथियार बनाना ठीक नहीं है । हालांकि इस दौरान जयशंकर और बिलावल दोनों ने ही एससीओ समिट के नियमों के चलते किसी भी देश का नाम नहीं लिया।
जारी है आतंकवाद का खतरा
जयशंकर ने पाकिस्तान का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए कहा कि आतंकवाद का खतरा बेरोक टोक जारी है | उन्होंने कहा कि हमें किसी भी राज्य या व्यक्ति को इसके पीछे छिपाने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। वही बिलावल ने कश्मीर राग अलापते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानून और सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के उल्लंघन में राज्यों द्वारा एकतरफा और अवैध उपाय s.c.o. के उद्देश्यों के विपरीत है।
भारत चीन सीमा विवाद पर रखी अपनी राय
जयशंकर ने भारत-चीन सीमा रेखा के मुद्दे पर भी कहा कि सीमा क्षेत्र में असमानता स्थिति है। हमने इसके बारे में खुलकर चर्चा की है भारत और चीन दोनों को ही बॉर्डर पर तनाव को कम करना होगा। भारत चीन संबंध सामान्य नहीं है । और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति भंग होने पर सामान्य नहीं हो सकते है।