केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को रुपे डेबिट कार्ड और भीम यूपीआई के जरिये कम राशि के लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए 2,600 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दे दी है।
सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इस योजना के तहत बैंकों को चालू वित्त वर्ष में रुपे और यूपीआई का उपयोग करके ‘पॉइंट ऑफ सेल’ यानी पीओएस यानी दुकानों पर लगी भुगतान मशीन और ई-कॉमर्स लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाएगा। इससे मजबूत डिजिटल भुगतान परिवेश तैयार करने में मदद मिलेगी।
वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट के दौरान अपने भाषण में, पिछले बजट में घोषित डिजिटल भुगतानों के लिए वित्तीय सहायता जारी रखने की सरकार की मंशा की घोषणा की थी। यह योजना बजट घोषणा के अनुपालन में ही तैयार की गई है।
तीन नई सहकारी समितियों के गठन के फैसले को मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी दिए जाने पर प्रधानमंत्री का आभार जताया। उन्होंने कहा, इस फैसले से सहकारिता क्षेत्र को नई शक्ति मिलेगी।
केंद्र सरकार जैविक उत्पाद, बीज और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए तीन नई सहकारी समितियों का गठन करेगी। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय निर्यात समिति, राष्ट्रीय जैविक उत्पाद सहकारी समिति और राष्ट्र स्तरीय बहुराज्यीय बीज सहकारिता समिति की स्थापना को मंजूरी दी।
केंद्र सरकार ने मुफ्त अनाज वाली सभी योजनाओं को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में शामिल कर लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक जनवरी 2023 से अंत्योदय अन्न योजना और प्राथमिकता घरेलू लाभार्थियों को निशुल्क खादान्न प्रदान करने के लिए नई एकीकृत खाद्य सुरक्षा योजना को मंजूरी दी गई है।
2020 से डिस्काउंट बंद कर दिया गया था और सरकार की तरफ से नई प्रोत्साहन (इंसेंटिव) स्कीम शुरू की गई। इसके तहत रूपे डेबिट कार्ड लेन देन के लिए 0.4 फीसदी की दर से, 2000 रुपये के भीम यूपीआई लेन देन पर 0.25 फीसदी की दर सेप्रोत्साहन (इंसेंटिव) दिया जाता है। जबकि इंश्योरेंस, म्युचुअल फंड, ज्वैलरी और पेट्रोलियम प्रोडक्ट समेत कुछ उत्पादों की खरीद बिक्री संबंधित लेन देन पर ये दर 0.15 फीसदी है।
सरकार ने देश में डिजिटल लेन देन को लेकर योजना शुरू करने के दौरान इसके सुचारु रूप से चलाए जाने और प्रोत्साहन देने के लिए मर्चेंट डिस्काउंट रेट प्रतिपूर्ति योजना शुरू की थी। इसके माध्यम से डिजिटल पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर, पीओएस मशीन, कस्टमर सेवाएं, लेन-देन से जुड़े विवाद सुलझाने और साइबर सुरक्षा से जुड़ी चीजों पर खर्च किया जाता था।