8 महीने तक शरीर में रह सकता है कोरोना वायरस
नई रिसर्च से पता चला है कि कोरोनावायरस इंसानों के दिमाग सहित पूरे शरीर में फैलता है कोविड-19 से मरने वाले 40 लोगों की ऑटोप्सी से ऊतक के नमूनों के रिसर्च से पता चला है की वायरस मानसिक सहित पूरे शरीर में फैल गया था और यह लगभग 8 महीने तक बना रहा है
इन लोगों ने करोना रोधी टीका नहीं लगाया था जिनकी जांच की गई उनमें 38 के रक्त प्लाज़्मा सैंपल का टेस्ट पॉजिटिव मिला था 3 रोगियों का टेस्ट नेगेटिव है जबकि तीनों के खून का प्लाज्मा उपलब्ध नहीं था
रिसर्च के अनुसार कोरोना वायरस ने बड़े पैमाने पर फेफड़ों और सांस की नली को संक्रमित किया और नुकसान पहुंचाया है | लेकिन शोधकर्ताओं ने 84 अलग अलग शरीर के स्थानों और शारीरिक तरल पदार्थों में वायरस का आर एन ए भी पाया शोधकर्ताओं ने एक मरीज के हाइपोथैलेमस और सेरिबैलम में और दो अन्य रोगियों की रीड की हड्डी और बेसल गैन्ग्लिया में कोरोना वायरस और प्रोटीन का पता लगा | लेकिन उन्होंने मस्तिष्क के ऊतकों को बहुत कम नुकसान पहुंचाया था अध्ययन करता हूं डेनियल ने कहां कि पहले सोच यह थी कि कोरोना मुख्य रूप से श्वसन वायरस था लेकिन ऐसा नहीं है
मरीज की आयु 62 साल
जिन लोगों पर अध्ययन किया गया उनकी औसत आयु 62 साल थी इनमें ३०% महिलाएं थी २७ मरीजों को दो- तीन या उससे अधिक बीमारियां पहले से थी अध्ययन में यह सामने आया कि इन मरीजों में कोरोना के लक्षण शुरू होने के औसत 18 दिन के अंदर मौत हो गई कई गैर स्वसन स्थलों में लक्षणों की शुरुआत के बाद पहले 2 हफ्ते के दौरान वायरस को बदलते हुए भी देखा गया
अमेरिका में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ का अध्ययन
अमेरिका नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ ने अप्रैल 2020 और मार्च 2021 के बीच हुई ऑटोप्सी से लिए गए नमूनों का रिसर्च किया | नेचर जनरल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार शोधकर्ताओं ने 11 रोगियों के मस्तिष्क सहित पूरे न्यूरोलॉजिकल सिस्टम नमूना लिया