देश में नहीं थम रहा कोरोना का कहर, एक दिन में 2000 से ज्यादा नए केस, यह लक्षण दिखने पर तुरंत करें बचाव
देश में कोरोना का कहर खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है एक दिन में 2000 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं जो कि पिछले 5 महीनों में सबसे ज्यादा है।
देश में कोरोना की लहर फिर से बढ़ने लगी है जिस तरह के आंकड़े सामने आ रहे हैं उससे देश में एक बार फिर से लोगों का दिल घबरा रहा है भारत में पिछले 24 घंटे में दो हजार से ज्यादा नई कोविड-19 के केश सामने आए हैं इसके साथ ही देश में अभी तक संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढ़कर 44,709,676 हो गई है वही एक दिन में 7 लोगों की मौत हो चुकी है इसमें 3 मरीज महाराष्ट्र से हैं जबकि एक कर्नाटक से हैं और दो केरल से हैं देश में अब तक 530848 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है।
देश में एक्टिव केसों की संख्या 11903 हो गई है डेली पॉजिटिव रेट 1.51 फ़ीसदी है वही साप्ताहिक पॉजिटिव रेट 1.53 फ़ीसदी है
कोरोनावायरस और फ्लू का खतरा एक बार फिर से बढ़ता जा रहा है इसी बीच बच्चों को कैसे रखे सुरक्षित यदि यह लक्षण दिखाई देने पर तुरंत करें बचाव
हाल ही में कोविड-19 के मामले में बढ़ोतरी देखी जा रही है हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि है माता-पिता को अपने बच्चों के बारे में अधिक सतर्क रहने की चेतावनी दी गई है जॉन हॉपकिंस की एक रिपोर्ट का कहना है कि ज्यादातर बच्चे एक हफ्ते से भी कम समय के लिए उसे बीमार होते हैं लेकिन कुछ बच्चों को ज्यादा गंभीर बीमार होते देखा गया है और उन्हें अस्पताल में इलाज की जरूरत पड़ सकती है।
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के बोर्डिंग स्कूल में वार्डन और छात्रों समेत कोना पॉजिटिव पाए गए हैं जिले के चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर संतोष गुप्ता ने कहा कि सभी इस मामले जिसमें 34 लड़कियां और 1 कर्मचारी शामिल है मितौली ब्लाक के कस्तूरबा स्कूल में थे इस स्कूल में एक था 23 मार्च को कोरोनावायरस से संक्रमित पाया गया था।
सभी संकाय गए 38 लोगों को 7 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन कर दिया गया है लोगों की स्वस्थ अधिकारियों की तरफ से निगरानी की जा रही है और सीएम योगी आदित्यनाथ ने उन्हें अच्छे से अच्छा ट्रीटमेंट देने का आश्वासन भी दिया है।
टी-ओ-आई के मुताबिक, सीएमओ संतोष गुप्ता ने बताया कि बच्चों की हालत स्थिर है और डॉक्टर उनकी निगरानी कर रहे हैं | छात्रों में केवल एक लक्षण है सीएमओ ने बताया कि दवाओं और ऑक्सीजन के लैस एंबुलेंस को परिसर के बाहर रखा गया है जहां मरीजों को क्वॉरेंटाइन किया गया है।
उन्होंने मीडिया को बताया है कि जिले में हमारे पास पर्याप्त दवाएं और ऑक्सीजन की सप्लाई है और स्वास्थ्य कर्मचारियों सभी जरूरी सुविधाओं से लैस है हम हर घंटे डीएम के साथ अपडेट शेयर कर रहे हैं वर्तमान में लखीमपुर खीरी में 41 कोविड-19 पाए गए हैं।
बच्चों में बढ़ रहे कोविड-19 और फ्लू के मामले
हाल के कोविड-19 मामलों में फ्लू के मामलों में संक्रमित व्यक्तियों की एक बड़ी संख्या बच्चे सामने देखी गई है हेल्थ एक्सपर्ट ने माता-पिता अपने बच्चों के बारे में अतिरिक्त रहने की भी चेतावनी दी गई है।
जॉन हॉपकिंस की एक रिपोर्ट का कहना है कि ज्यादातर बच्चे एक हफ्ते से भी कम समय के लिए उसे बीमार होते हैं लेकिन कुछ बच्चों को ज्यादा गंभीर बीमारी हो जाती है जिसके कारण उन्हें अस्पताल में इलाज की जरूरत पड़ सकती है उसे फेफड़ों में संक्रमण या मृत्यु भी हो सकती है।
कोविड-19 के मामले में जैसे कि संक्रमण की पिछली लहरों में देखा गया कि बच्चों में लक्षण उतनी गंभीर नहीं जितने की वस्तुओं में पाए जाते हैं कई मामलों में बच्चों में कोई लक्षण नहीं होते हैं लखीमपुर खीरी स्कूल में केवल एक बच्चा है जिसमें लक्षण पाए गए हैं।
UNICEF का कहना है कि कोविड-19 से संक्रमित पाए जाने वाले 60 से 70 फ़ीसदी से ज्यादा बच्चे असिम्पटोमैटिक है, जिसका मतलब है कि उनमें वायरस के कोई लक्षण नहीं दिखते हैं।
इन लक्षणों को ध्यान में रखें माता पिता
हालांकि बच्चों में कोविड-19 के गंभीर मामले बहुत कम देखने को मिले हैं लेकिन संक्रमण किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है इसलिए बच्चों में देखे जाने वाले कोविड-19 के सामान्य लक्षणों को जानना बहुत जरूरी होता है।
इस के सामान्य लक्षण है बुखार शरीर में दर्द सिर दर्द गले में खराश, कमजोरी नाक बहना नाक बंद होना दस्त सांस की तकलीफ, यह बच्चों में समाने कोविड-19 के लक्षण होते हैं।
कोविड-19 और फ्लू के वायरस हवा में बड़े पैमाने पर खेलते हैं हालांकि मतली, उल्टी, तेज बुखार, खांसी और फ़्लु और सामान्य सर्दी से जुड़े अन्य संकेतों से दूसरे लक्षणों पर ध्यान देने की जरूरत ज्यादा होती है।
बच्चों का कॉपी 19 से कैसे करें बचाव?
जैसे जैसे बच्चों में कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं सुरक्षा उपायों का पालन करना बहुत जरूरी है जो बच्चों को वायरस से सुरक्षित रखने में मदद करें |
UNICEF बच्चों को लगातार साबुन से हाथ धोने या यह सुनिश्चित करें की हाथों को पूरी सतह ढकी हुई है, 70 फ़ीसदी सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें, मास्क पहने, 2 साल से ज्यादा कम उम्र के बच्चों को भी मास्क पहनाए | सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें सर्वजनिक समारोह में शामिल होने से बच्चों को बचाएं, भीड़ में खेलने से भी बच्चों को रोके।