आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका, दिल्ली सर्विस बिल पर केंद्र का समर्थन करेगी बीजेडी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली हेतु सरकार विधेयक को स्वीकृति दी है । यह 19 मई को केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश की जगह लेने के लिए पेश किया गया है । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आप के अध्यादेश का कड़ा विरोध किया है । कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल भी इस अध्यादेश के खिलाफ है।
लोकसभा में मंगलवार को विवादास्पद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार संशोधन विधायक 2023 पेश कर दिया गया। केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने विधेयक को संसद में पेश किया। यह बिल पारित होने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण को लेकर लाए गए अध्यादेश का स्थान लेगा। यह विधेयक कानून बनाने के बाद उपराज्यपाल को यह अधिकार प्रदान करेगा कि दिल्ली सरकार के अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग में अंतिम निर्णय उनका ही होगा । कैबिनेट ने 23 जुलाई को इस अध्यादेश को मंजूरी दी थी। विधेयक को लेकर दिल्ली के आम आदमी पार्टी सरकार और केंद्र के बीच तनातनी है।
आम आदमी पार्टी को लगा तगड़ा झटका
आम आदमी पार्टी को दिल्ली सर्विस बिल को लेकर एक बड़ा झटका लगा है। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व वाले बीजू जनता दल ने केंद्र को समर्थन देने का आश्वासन दिया है। बीजेपी के समर्थन के बाद अब यह विधेयक लोकसभा में आसानी से पास हो जाएगा। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि BJD बीजेपी के नेतृत्व वाले केंद्र के खिलाफ विपक्षी गुट इंडिया द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का भी विरोध करेगा ।
उड़ीसा की सत्तारूढ़ पार्टी के राज्यसभा में 9 सदस्य हैं उनके इस ऐलान से सरकार को राज्यसभा में भी बहुमत का आंकड़ा पार करने में मदद मिलेगी । जहां बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के पास अपने दम पर पूर्ण बहुमत नहीं है। जगन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी पहले ही इस महत्वपूर्ण विधेयक पर सरकार को अपना समर्थन देने की घोषणा कर चुकी है । दोनों पार्टियों के इस फैसले से सरकार ने राहत की सांस ली है।
इन्होंने किया विरोध
लोकसभा में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने गृह मंत्री अमित शाह की ओर से विधेयक पेश किया। विधेयक पेश किए जाने का कांग्रेसी नेता अधीर रंजन, चौधरी राशि रत्न एवं गौरव गोस्वामी , गोगोई ,आरएसपी के एनके प्रेमचंद, तृणमूल कांग्रेस के सौगात राय और AIMIM प्रमुख असरूद्दीन ओवैसी सहित अन्य विपक्षी नेताओं ने विरोध किया।
विधेयक पर लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि संविधान ने सदन को संपूर्ण अधिकार दिया है। वह दिल्ली राज्य के लिए कोई भी कानून ला सकता है। उन्होंने कहा गया कि विधेयक के खिलाफ की जा रही टिप्पणी राजनीतिक है और इसका कोई आधार नहीं है। इसके बाद सदन ने ध्वनिमत से विधेयक पेश किए जाने की मंजूरी दे दी है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार विधेयक को स्वीकृति दी थी। यह 19 मई को केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश की जगह लेने के लिए पेश किया गया है । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी ने अध्यादेश का कड़ा विरोध किया है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल भी इस अध्यादेश के खिलाफ है।
केंद्र लाया था अध्यादेश
केंद्र सरकार 19 मई को अध्यादेश लाया था | इसे 1 सप्ताह पहले सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार को सेवा से जुड़े मामलों का नियंत्रण प्रदान किया था। हाल ही में उसे पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि से जुड़े विषय नहीं दिए गए।
शीर्ष अदालत के 11 मई के फैसले से पहले दिल्ली सरकार के सभी अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग उप राज्यपाल के कार्यकारी नियंत्रण में थे। इस अध्यादेश में आ गए कि राष्ट्रीय राजधानी लोकसभा अधिकरण नाम का एक अथॉरिटी होगा जो उसे प्रदान की गई शक्तियों का उपयोग करेगा और उसे सौंपी गई जिम्मेदारियों का निर्वहन करेगा |