काशी में जलती चिताओं कि राख से खेली गई अद्भुत होली, शोभायात्रा में 50000 शिवभक्त हुए थे शामिल
बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी के श्मशान घाट पर भगवान शिव के भक्त अद्भुत तरीके से होली खेलते हैं महादेव के इस शहर में भोले के भक्त सिर्फ रंग और गुलाल से नहीं बल्कि श्मशान घाटों पर जलती चिताओं की राख से होली खेलते हैं शुक्रवार को ऐसा अद्भुत नजारा वाराणसी के सबसे डरावने श्मशान घाट में से एक हरिश्चंद्र घाट पर देखने को मिला| मसान होली की शोभायात्रा में डमरू डम डम के बीच शब्द लेकर जाते लोगों और जलती चिताओं के बीच किताब असम में होली खेलते शिव भक्तों का नजारा हैरान करने वाला था।
बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में मसान होली दुनियाभर में प्रसिद्ध है दरअसल वाराणसी के श्मशान घाटों पर भगवान शिव के अद्भुत तरीके से होली खेलते हैं महादेव के शहर में भोले के भक्त शिव रंग और गुलाल से नहीं बल्कि श्मशान घाटों पर चलती चिता की राख से होली खेली जाती है शुक्रवार को ऐसा अद्भुत वाराणसी के सबसे डरावने श्मशान घाट में से एक हरिश्चंद्र घाट पर देखने को मिला इसके साथ ही वाराणसी की मसान होली की शुरुआत हो चुकी है वाराणसी में होली खेलने की यहां सबसे अजीब परंपराओं में से एक है।
इस साल होली की भावे शुरुआत तब हुई जब शिव भक्तों ने अघोर पीठ बाबा कीनाराम आश्रम से शोभायात्रा निकाली जुलूस में 50,000 से अधिक लोगों की भागीदारी देखने को मिली जिसमें से अधिकांश ने भगवान शिव के अनुयायियों के रूप में कपड़े पहने हुए थे सोनारपुर और भेलूपुरा को भी कवर करने वाली लगभग 5 किलोमीटर लंबी जुलूस दोपहर 3:00 बजे राजा हरिश्चंद्र घाट पर समाप्त हुई इस दौरान लो जलती हुई चिता के बीच होली का उत्सव मनाते हुए देखे गए हरिश्चंद्र घाट पर हुई मसान होली में देश के अलग-अलग हिस्सों से अंगूर और अघोरी आए हुए थे।
श्मशान घाट पर जलती चिताओं के बीच होली खेली इस दौरान देशी और विदेशी पर्यटक भी इस अद्भुत होली के गवाह बने रंगभरी एकादशी के दिन हुई इस होली में आठ क्विंटल से ज्यादा भस्म पूड़ी और लोग महादेव के रंग में रंग गए | आयोजकों ने बताया कि हरिश्चंद्र घाट पर होने वाले मसाने की होली के बारे में जैसे लोगों को मालूम हो रहा है देश विदेश से लोगों की भीड़ इकट्ठा होती जा रही है इस शोभा यात्रा में शामिल लोग यह भूल जाते हैं कि वह क्या है जो है सब बाबा मसान नाथ और भगवान विश्वनाथ है।
लोग शव से दूर भागते हैं लेकिन यहां लोग आकर मसाने की आंच अपने ऊपर डलवा कर अपने को सौभाग्यशाली और भाग्यशाली मानते हैं हिंदू मान्यताओं के अनुसार होली के इस उत्सव में बाबा विश्वनाथ देवी देवता, देवी देवता, यक्ष, गन्धर्व सभी शामिल होते हैं। साथी उनके लिए गण भूत, प्रेत, पिशाच, दृश्य, अदृश्य, शक्तियां जिनको बाबा खुद इंसानों के बीच जाने से रोककर रोकते हैं।
लेकिन अपने दयालु स्वभाव की वजह से वह अपने इन सभी प्रिय जनों के बीच होली खेलने के लिए घाट पर आते हैं
वाराणसी घूमने आए शिव भक्त हरिश्चंद्र घाट पर मसानी की होली में शामिल होकर बेहद उत्साहित नजर आए हैं इस दौरान उन्होंने कहा कि हमें नहीं मालूम था कि यहां ऐसा होता है होली के ऐसे उत्सव को देखकर हम बेहद उत्साहित हैं माना जाता है कि भगवान शिव खुद अपने भक्तों को बसम होली खेलने की अनुमति देते हैं।