इंजीनियर से बना व्यक्ति कैब ड्राईवर , कॉर्पोरेट जॉब से ज्यादा कर रहा है कमाई
सोशल मीडिया पर आए दिन ऐसे किस्से सामने आते रहते हैं जिन्हें देखकर लोगों को काफी हैरानी होती है । एक महिला ने एक ऐसे कैब ड्राइवर के बारे में बताया जो एक कंपनी में इंजीनियर था । लेकिन अब ड्राइविंग करके अच्छी कमाई कर रहा है और लोग अब इस मुद्दे को सोशल मीडिया पर बहस कर रहे हैं । लोगों के बीच जॉब और सैलरी को लेकर छिड़ी है जंग
कोविड-19 से रिसेशन काफी तेजी से बढ़ रहा है अब कॉर्पोरेट जॉब भी उतना पैसा नहीं दे रही है जितना कि उन्हें देना चाहिए था। टि्वटर पर श्वेता कुकरेजा नाम की एक महिला ने एक ट्वीट शेयर साझा किया है। एक कैब में ट्रैवल करते हुए महिला को पता चला कि ड्राइवर एक इंजीनियर है। Qualcomm में कभी काम करने वाला यह इंजीनियर अपनी पुरानी जॉब से ज्यादा अब ड्राइविंग से कमाई कर रहा है। श्वेता के ट्वीट के करते ही कॉर्पोरेट जॉब और सैलरी पर डिस्कशन शुरू हो गया है।
भारत की सबसे बेहतरीन कंपनियों में से एक है Qualcomm। अच्छी सैलरी की वजह से कंपनी काफी पॉपुलर है अब कई यूजर इस तरह के जॉब को कॉरपोरेट जॉब और उससे मिलने वाली सैलरी से कमपेयर कर रहे हैं । एक यूजर ने लिखा है कि मेरी सोसाइटी का पानी पुरी वाला तो हर महीने 2 से ₹4 लाख कमाता है और वह सिर्फ छठी पास है । अब उसने किसी दूसरी जगह पर अपना स्टोर खोल दिया है । दूसरे यूजर ने इस पर ज्ञान देते हुए लिखा है कि यह बात पैसे की बात नहीं है थोड़ा एक्स्ट्रा कमाने के लिए अब उसे रोजाना ट्रैफिक और पोलूशन से भिड़ना होता है जबकि वह किसी घर या ऑफिस में मीटिंग अटेंड करते हुए बिता सकता था।
दूसरे यूजर ने लिखा कि कैब ड्राइव करना कोई आसान काम नहीं है। अगर वहां ध्यान से चलाता है और समय पर सारा काम करता है तो उन्हें अच्छी रेटिंग मिलती है । जिससे उनकी कमाई भी बेहतर हो जाती है । एक्सीडेंट होने से बचने के लिए उनकी ऑन द स्पॉट टेक्निक किसी भी कॉर्पोरेट पॉलिसी से बेहतर है। वहीं कुछ लोग इसे सफेद झूठ बता रहे हैं। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि बेंगलुरु ट्रैफिक में तो ड्राइव करना अपने आप में एक स्ट्रेस हैं। किसी शक के सबसे ज्यादा स्ट्रेसफुल जॉब में अच्छी सैलरी दी जाती है।