अब से महिलाओं के हाथ में होगी टोल की कमान, शिवराज सरकार ने लिया यह बड़ा फैसला
मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार ने ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक सेहत दुरुस्त करने के लिए एक बहुत बड़ा फैसला लिया है । अब महिला नेशनल हाईवे में टोल प्लाजा पर काम करेंगी। राज्य सरकार ने ग्रामीण महिलाओं के स्वयं सहायता समूह को टोल प्लाजा पर नियुक्त करने का फैसला किया है। यह महिलाओं उन टोल प्लाजा पर रहेंगी जो उनके गांव में होगा।
मध्य प्रदेश सरकार ने विधानसभा चुनाव को देखते हुए आम जनता को कई सौगातें दी है। सरकार ने अब ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक स्थिति को ठीक करने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है । राज्य में जितने भी टोल प्लाजा हैं उनका सालाना कारोबार 2 करोड़ रुपये है। उन टोल प्लाजा की कमान अब से ग्रामीण महिलाओं के हाथों में होगी । मुख्यमंत्री शिवराज चौहान की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया है।
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि शिवराज सरकार की कैबिनेट ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं । जिसमें खालवा, फंदा, बाणसागर (शहडोल), बडौदा (श्योपुर), मंडवा (सीधी), बेटमा (इंदौर), हनुमना (रीवा), कोठी (सतना) एवं हट्टा (बालाघाट)में नए महाविद्यालय खोले जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है।
टोल टैक्स से होने वाली आमदनी का 30% राशि महिलाओं पर खर्च होगा
टोल टैक्स से होने वाली आमदनी का 30 फ़ीसदी हिस्सा महिलाओं के सशक्तिकरण पर खर्च किया जाएगा। इसके अलावा रोजगार सहायको का वेतन 9000 से बढ़ाकर 18000 करने का भी फैसला लिया गया है। इसमें सरकार का लगभग 275 करोड पर सालाना बोझ बढ़ेगा। सीएम शिवराज चौहान ने कहा कि ग्रामीण महिलाओं खासकर दलित और जनजातीय महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए मध्यप्रदेश में दो करोड़ रुपए तक के सालाना कारोबार वाले टोल प्लाजा की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी । उन्होंने आगे कहा कि इसके अलावा लाडली बहन योजना का दायरा बढ़ाने का सरकार ने फैसला लिया है । इसके तहत अब इस योजना का फायदा 21 साल की उम्र वाली विवाहित महिलाओं को भी मिलेगा। इसके साथ ही ऐसा परिवार जिसके पास ट्रैक्टर है उसको भी इस योजना का फायदा मिल सकेगा।
शिवराज सरकार ने महिलाओं और किसानों पर किया फोकस
शिवराज सरकार महिलाओं के लिए कई योजनाएं शुरू कर रही है। कुछ योजनाओं का दायरा भी बढ़ाया गया है। वहीं राज्य सरकार ने किसानों को भी फायदा पहुंचाने वाली योजनाओं का विस्तार किया है । सरकार ने मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत ₹4000 से बढ़ाकर सालाना ₹6000 कर दिया है।