नारायण मूर्ति और सुधा मूर्ति ने तिरुपति बालाजी में किया दान ,सोने का शंख और एक सोने के कछुए की मूर्ति का दिया उपहार
नारायण मूर्ति और उनकी पत्नी सुधा मूर्ति ने सोमवार को तिरुपति में भगवान बालाजी को एक सोने का शंख और एक सोने का कछुए की मूर्ति उपहार के रूप में भेंट चढ़ाई है। इन बहुमूल्य वस्तुओं का उपयोग आंध्र प्रदेश स्थित मंदिर में मूर्ति की सफाई के लिए किया जाएगा। बता दें कि नारायण मूर्ति और सुधा मूर्ति अपने परोपकार के लिए जाने जाते हैं। साल 2021 में इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष सुधा मूर्ति ने कोविड राहत पहल के लिए 100 करोड़ रुपए से अधिक का दान देने का वादा किया था।
भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी में से एक इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति और उनकी पत्नी सुधा मूर्ति ने सोमवार को तिरुपति में भगवान बालाजी को एक सोने का शंख और सोने के कछुए की मूर्ति भेंट चढ़ाई है। इन बहुमूल्य वस्तुओं का उपयोग आंध्र प्रदेश स्थित मंदिर में मूर्ति की सफाई के लिए किया जाएगा । बता दें कि न्यायमूर्ति और सुधा मूर्ति अपने परोपकार के लिए हमेशा जाने जाते हैं। साल 2021 में इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष सुधा मूर्ति ने कोविड-19 के लिए ₹100 करोड़ से अधिक दान देने का वादा किया था।
क्या कहा सुधा मूर्ति ने
सुधा मूर्ति ने हाल ही में कहा कि बिजनेस की वैल्यू के आगे पैसे उनके लिए उतना ज्यादा अहम नहीं है। बेंगलुरु में स्टार्टअप कार्निवल में मनीकंट्रोल के साथ एक इंटरव्यू के दौरान सुधा मूर्ति ने कहा कि मैं कभी भी पैसा बचाने के बारे में नहीं सोचती। मेरे लिए पैसे की कोई खास अहमियत नहीं है रोजगार के नए मौके बनाने से गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों को ऊपर उठाया जा सकता है। बिजनेस इसे साकार रखने में काफी अहम भूमिका निभाता है।
केवल ₹10,000 में हुई थी इंफोसिस की शुरुआत
दिलचस्प तो यह है कि आज भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में शुमार इंफोसिस की शुरुआत केवल ₹10,000 से हुई थी हालांकि आज इस कंपनी की मार्केट वैल्यू करीब 80 अरब डॉलर पहुंच गई है। सुधा मूर्ति ने बताया कि उन्होंने अपने पति को अपने बचाए गए पैसों से ₹10,000 दिए थे। सुधा ने कहा कि जब मेरी शादी हुई थी तो मेरी मां ने मुझे सलाह दी थी कि हमेशा कुछ पैसे बुरे वक्त के लिए भी रखन चाहिए। साथ ही इस पैसों का इस्तेमाल कपड़े या फिर गहने खरीदने के लिए ना किए जाएं। साल 1981 तक मेरे पास ₹10,225 जमा हो गए थे जिससे मैं अपने पति के लिए एंजेल इन्वेस्टर बन सकी।