यदि यह लक्षण दिखे तो फौरन कराएं डायबिटीज की जांच
देश में इन दिनों डायबिटीज के मरीज बड़ी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। डायबिटीज की बीमारी में किसी भी तरह का गलत खान-पान से तुरंत ब्लड शुगर बढ़ जाता है। ऐसे में इसकी जांच करके ब्लड शुगर लेवल का पता रहना चाहिए | ब्लड शुगर लेवल बहुत ज्यादा बढ़ जाए या फिर बहुत ज्यादा कम हो जाए तो दोनों की स्थिति में मरीज की सेहत पर खतरा मंडराता रहता है।
मधुमेह एक क्रॉनिक बीमारी है जो पूरे शरीर को प्रभावित करती है डायबिटीज तब होती है जब पैंक्रियास पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है । डायबिटीज पैर में दो तरह की समस्याओं का कारण बन सकता है न्यूरोपैथी और पेरीफेरल वैसक्यूलर डिजीज है । डायबिटीज न्यूरोपैथी में अपनी नसों को प्रभावित और नुकसान पहुंचा सकता है जबकि पेरीफेरल वैसक्यूलर डिजीज खून के प्रभाव को प्रभावित करता है जिससे पैरों में कई लक्षण उत्पन्न होने लगते हैं। डायबिटीज की बीमारी का इलाज नहीं है लेकिन अगर समय रहते इसका पता चल जाए तो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है।
हम आपको ऐसे कुछ लक्षण बता रहे हैं जिससे आप पहचान सकते हैं कि आप डायबिटीज के शिकार हो या नहीं । ऐसे लक्षण आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें ताकि समय रहते इस पर काबू पाया जा सके।
डायबिटीज के प्रकार
डायबिटीज एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है डायबिटीज कई तरह की होती है टाइप 1 टाइप 2 और गेस्टेशनल डायबिटीज। टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज जानलेवा होती है | गेस्टेशनल डायबिटीज गर्भावस्था के दौरान होती है यह बच्चे के जन्म के बाद खुद ही खत्म हो जाती है।
लक्षण
ज्यादा प्यास लगना
बार-बार प्यास लगना डायबिटीज का कारण हो सकता है डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति को जरूरत से ज्यादा प्यास लगने लगती है। डायबिटीज में शरीर फ्लुइडस् को ठीक तरह से रेगुलेट नहीं कर पाता है जिसके कारण ज्यादा प्यास लगती है।
वजन घटना
डायबिटीज होने पर पैंक्रियाज पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता। जिससे शरीर में प्रोटीन की कमी हो जाती है जिसके कारण वजन घटने लगता है।
डायबिटीज में धुंधला दिखना
डायबिटीज का असर आंखों पर भी पड़ता है जिसके कारण आंखों की रोशनी से जुड़ी कई समस्या खड़ी हो जाती है। वही डायबिटीज होने पर जब लो ब्लड शुगर लेवल होता है तो सिर दर्द की समस्या हो सकती है। यह दिक्कत सुबह के वक्त ज्यादा होती है।
नाखूनों में दिखाई देते हैं यह लक्षण
डायबिटीज के मरीजों को ऑनिकोमाइकोसिस नामक फंगल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है । इससे पैरों की उंगलियों पर असर पड़ता है जिससे नाखून फीके, मोटे और भंगुर हों जाते हैं । अन्य मामलों में नाखून उखड़ सकते हैं।