यह पत्ते ब्लड शुगर को कर देंगे कंट्रोल
आमतौर पर डायबिटीज के मरीज यही सोचते हैं कि यह कभी ना ठीक होने वाली बीमारी है । जबकि ऐसा नहीं है इसे कई तरीकों से ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में किया जा सकता है । इसे कंट्रोल करने के लिए कुछ पत्तों का सहारा ले सकते हैं हम कुछ ऐसे पत्तों के बारे में बता देंगे जो डायबिटीज के मरीजों के लिए किसी रामबाण से कम नहीं है।
देश में डायबिटीज के मरीजों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है। यह एक गंभीर समस्या है जिसका कोई स्थाई इलाज नहीं है इसका मतलब यह हुआ है कि अगर किसी को शुगर की बीमारी हो गई हो तो उससे जीवन भर पीछा नहीं छूटता है। डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो तब होती है जब इंसुलिन बनाने की क्षमता कम हो जाती है या जब शरीर इंसुलिन का अच्छा उपयोग नहीं कर पाता है। ऐसे में डायबिटीज के मरीजों को अपने खान-पान और लाइफस्टाइल में खासतौर से ध्यान देना जरूरी है। डायबिटीज के मरीजों को मोटापा और दिल के रोग जैसी बीमारियों का खतरा भी अधिक हो जाता है।
ऐसे में डायबिटीज के मरीजों को ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करना बहुत जरूरी है। आप नैचरल तरीके से भी शुगर लेवल को कंट्रोल कर सकते हैं। एक एक्सपर्ट के अनुसार तुलसी जैतून और गुड़मार जैसे पौधों के हरे पत्ते डायबिटीज की समस्या में आप को फायदा पहुंचा सकते हैं।
जैतून के पत्तों से ब्लड शुगर होगा कंट्रोल
डायबिटीज के मरीजों को जैतून के पत्ते चबाने से भी फायदा मिलता है। टाइप 2 डायबिटीज के मरीज अगर जैतून के पत्तों का सेवन करते हैं तो इससे ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। साल 2013 में की गई एक स्टडी के मुताबिक रिसर्च में पाए गया कि जैतून के पत्तों का सेवन रजिस्टेंस में सुधार करता है। इस स्टडी में 50 लोगों को जैतून के पत्ते खाने के लिए दिए गए और 12 हफ्ते बाद यह देखा गया कि इससे डायबिटीज के मरीजों को बहुत ही फायदा हुआ है।
तुलसी के पत्ते
डॉक्टर आमतौर पर ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए तुलसी के पत्ते चबाने की सलाह देते है । साल 2019 में शुरू की गई एक स्टडी में पाया गया कि तुलसी के पत्तों से निकालने वाले अर्क में शुगर कंट्रोल करने की क्षमता है । तुलसी के पत्तों को चबाना डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है।
गुड़मार को जिमनेमा सिल्वेस्ट्रे कहा जाता है। यह एक जड़ी बूटी है । भारत में पाई जाने वाली इस जड़ी बूटी को शुगर लेवल कंट्रोल करने के लिए जाना जाता है। साल 2013 में की गई एक स्टडी के मुताबिक टाइप 1 या टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों में इसके सेवन से काफी सुधार देखने को मिला है | टाइप वन डायबिटीज वाले लोग जिन्हें 18 महीने के लिए के पत्तों का अर्क दिया गया उनने इंसुलिन लेने वाले की तुलना में ब्लड शुगर लेवल में काफी गिरावट आई है।