नितिन कामत ने एक फोटो शेयर की जिसमें किराना दुकान चलाने वाले ससुर के साथ देखा गया और उन्होंने लिखा उन्होंने सिखाया जिंदगी जीने का सही तरीका
नितिन कामत ने अपने ट्वीट में बताया कि उनके ससुर शिवाजी पाटिल ने आर्मी से रिटायरमेंट होने के बाद कर्नाटक के बेलगाम में एक किराने की दुकान शुरू की | नितिन ने दुकान के साथ अपने ससुर की फोटो को ट्वीट करके शेयर किया नितिन ने लिखा कि उसके ससुर इंडियन आर्मी में थे और कारगिल की लड़ाई के दौरान उन्होंने अपनी उंगलियों भी गवा दी थी | बाद में उन्हें स्वेच्छा से रिटायरमेंट ले लिया |
दिग्गज ब्रोकरेज फॉर्म जीरोधा के फाउंडर और सीईओ नितिन कामत ने सोमवार को अपने सोशल मीडिया पर अपने ससुर शिवाजी पाटील के साथ एक तस्वीर शेयर की | तस्वीर को शेयर करते हुए उन्होंने लिखा कि उन्होंने मुझे एक अच्छी जिंदगी जीने का तरीका सिखाया है नितिन कामत ने इस पर कई सारे ट्वीट किए |
नितिन कामत के ससुर चलाते हैं किराने की दुकान
नितिन ने अपने ट्वीट में बताया कि उसके ससुर शिवाजी पाटिल ने आर्मी से रिटायरमेंट होने के बाद कर्नाटक के बेलगांव में एक किराने की दुकान शुरू की नितिन कामत ने दुकान के साथ अपने ससुर की फोटो भी ट्विटर पर शेयर की नितिन ने लिखा कि उसके ससुर इंडिया आर्मी में थे और कारगिल की लड़ाई के दौरान उन्होंने अपनी उंगलियां भी गवा दी बाद में उन्होंने स्वेच्छा से रिटायरमेंट ले ली |
नितिन कामत ने कि अपने ससुर की तारीफ
नितिन कामत ने ट्विटर में अपने ससुर की तारीफ करते हुए उनकी डेली रूटीन के बारे में बताया उन्होंने लिखा कि वह 70 साल के हैं लेकिन अपनी दुकान का सामान खरीदने के लिए वह अपने खास स्कूटर पर रोजाना लोकल मार्केट में जाते हैं उनके अलावा मेरी सांस है जो की दुकान चलाती है और घर भी संभालती हैं
कोई मदद नहीं लेते मेरे ससुर
कामत ने बताया कि उनकी और उनके पति की कामयाबी के बाद भी उनके ससुर कोई भी मदद नहीं लेते नितिन ने यह भी कहा कि जब मैं उनसे अलग अलग सामानों पर हुए मुनाफे के बारे में पूछता हूं तो उनकी आंखों में आज भी एक चमक दिखाई देती है वह चिक्की के एक पैकेट पर 25 फ़ीसदी का मुनाफा कमा लेते हैं वह चिक्की के 1 पैकेट को ₹200 में खरीदकर उसे 250 में बेचते हैं
नितिन ने सीखा लाइफ लेसन
आपने कहा कि मैंने अपने ससुर से सीखी है कैसे संतुलन रखना है सच्ची आजादी हासिल करने का इकलौता तरीका है | मैंने कभी उनको किसी के बारे में शिकायत करते देता नहीं है | कम आपने एक स्माइल वाली इमोजी बनाते हुए लिखा है कि जब मैं साल 2007 में उनकी बेटी से शादी के लिए मंजूरी मांगी तब उन्होंने मुझे सरकारी नौकरी के लिए कहा था मैंने यह देखा कि मानसिक और शारीरिक रूप से फिट होना और संतुष्ट रहना ही सबसे अहम है यह पैसे से नहीं खरीदा जा सकता