भारत की बढ़ती आबादी पर जर्मन मीडिया का विवादित कार्टून देख भड़के भारतीय
जर्मनी की पत्रिका डेर स्पीगेल ने भारतीय विरोधी कार्टून छापा है। इस विवादित कार्टून में स्वभाविक व्यंग्य और कटाक्ष नहीं बल्कि भारत को नीचा दिखाने की नियत ज्यादा है । इस कार्टून में दो तरीकों के जरिए भारत और चीन की तुलना की गई है। कार्टून पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कई भारतीय यूजर्स ने ट्रेन के ऊपर यात्रा करने वाले भारतीयों की तस्वीर ना केवल नस्लवादी हैं बल्कि भ्रामक भी है।
जर्मनी पत्रिका डेर स्पीगेल मे एक भारतीय विरोधी कार्टून छपा है इस विवादित कार्टून में स्वभाविक व्यंग्य और कटाक्ष नहीं बल्कि भारत को नीचा दिखाने की नियत ज्यादा है । इस कार्टून में 2 तस्वीरों के जरिए भारत और चीन की तुलना की गई है कार्टून पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कई भारतीय यूजर्स ने कहा है कि ट्रेन के ऊपर यात्रा करने वाले भारतीयों की तस्वीर ना केवल नस्लवादी है बल्कि भ्रामक भी है।
भारत की बढ़ती आबादी पर एक जर्मनी पत्रिका द्वारा प्रकाशित एक कार्टून को लेकर बवाल मचआ हुआ हैं। कार्टून में भारत की जनसंख्या को चीन से आगे निकलते हुए दिखाया गया है । यह कार्टून देख भारतीय भड़क गए हैं और जर्मनी पर भारत के प्रति पूर्वाग्रह से ग्रसित होने का आरोप लगा रहे हैं। जर्मनी की पत्रिका डेर स्पीगेल ने यह भारतीय विरोधी कार्टून छापा है। इस विवादित कार्टून से संभावित व्यंग्य और कटाक्ष नहीं बल्कि भारत को नीचा दिखाने की बात की गई है। इस कार्टून में 2 तस्वीरों के जरिए भारत और चीन की तुलना की गई है।
कार्टून में ट्रेन की दो तस्वीरें दिखाई गई है भारतीय विरोधी इस कार्टून में एक ओवरलोडेड ट्रेन को दिखाया गया है जिसके ऊपर भारतीय तिरंगा लिए लोग बैठे हैं जबकि एक ट्रेन पर चीन बुलेट ट्रेन दिखाई दे रही है। इस कार्टून के जरिए चीन की तकनीकी प्रगति को दिखाया गया है बल्कि भारत को चरममाते हुए इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ पेश किया गया है | कार्टून पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कई भारतीय यूजर्स ने कहा कि दोनों के ऊपर यात्रा करने वाले भारत की तस्वीर ना केवल नस्लवादी है बल्कि भ्रामक भी है।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय की वरिष्ठ सलाहकार कंचन गुप्ता ने इस कार्टून की आलोचना करते हुए इसे नस्लवादी बताया है। उन्होंने कहा है कि यह न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित भारत के सफल मंगल मिशन का मजाक उड़ाते हुए नस्लवादी कार्टून से भी बुरा है |
अंशुल सक्सेना नाम के एक यूजर ने कहा कि जर्मनी पत्रिका मे प्रकाशित कार्टून में भारत का मजाक उड़ाया गया है । जबकि भारत में 61% रेलवे लाइन इलेक्ट्रीफाइड है और देश 2030 तक 75% रेल नेटवर्क को इलेक्ट्रीफाइड करने की योजना बना रहा है।
अप्रैल के अंत में विश्व की सर्वाधिक आबादी वाला देश बनने वाला है भारत
संयुक्त राष्ट्र ने सोमवार को कहा कि विश्व की सर्वाधिक आबादी वाले देश के रूप में चीन को पछाड़कर भारत इस महीने के अंत में भारत की आबादी 1.425 अरब के आंकड़े पर पहुंचने वाली है । संयुक्त राष्ट्र के लेटेस्ट पूर्व अनुमान और वैश्विक आबादी के अनुमानों के अनुसार सदी के अंत से पहले चीन की आबादी 1 अरब से नीचे आ सकती है, जबकि भारत की जनसंख्या में कई दशकों तक वृद्धि जारी रहने की उम्मीद है।
अनुमानों का कहना है कि चीन की आबादी 1.426 अरब के चरम पर 2022 में पहुंची थी और फिर इसमें कमी आना शुरू हो गई। अनुमानों में सकेत दिया गया है कि चीन की आबादी का आकार सदी के अंत से पहले घटकर 1 अरब के नीचे आ सकता है।
इसके आगे कहा गया है कि चीन जल्दी ही , विश्व की सर्वाधिक आबादी वाले देश का दर्जा गवा देगा जो उसके पास लंबे समय से है । इस महीने के अंत तक भारत की जनसंख्या बढ़कर एक अरब 42 करोड़ 57 लाख 75 हजार 850 हो जाने की उम्मीद है जिसके बाद यह चीन की मुख्य भूमि की आबादी को पार कर देगी।
विश्व संस्था का यह अनुमान संयुक्त राष्ट्र के विश्व जनसंख्या डैशबोर्ड पर 142.86 करोड़ की आबादी के साथ चीन को पछाड़कर भारत के विश्व के सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश बनने को प्रदर्शित किए जाने के करीब हफ्ते भर बाद आया है।
संयुक्त राष्ट्र के विश्व जनसंख्या डैशबोर्ड पर फरवरी 2023 के आंकड़ों के आधार पर 19 अप्रैल को प्रदर्शित आंकड़ों में चीन की आबादी 142.57 करोड़ बताई गई है और इस तरह उसे दूसरा सर्वाधिक आबादी वाला देश बताया गया है।