इंफोसिस के सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने जापान में बैगन की खेती करने के लिए छोड़ दी अपनी नौकरी अब हो गई है दोगुनी कमाई
तमिलनाडु में रहने वाले पूर्व सॉफ्टवेयर इंजीनियर वेंकटसामी विग्नेश का परिवार पहले इसके पक्ष में नहीं था कि वह इंफोसिस जैसे दिग्गज कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी छोड़ कर कृषि से जुड़े लेकिन आज उनके माता पिता को अपने बेटे पर गर्व करते हैं।
जब वेंकटसामी विग्नेश को चेन्नई में स्थित देश की दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस में नौकरी मिली, तो उनका परिवार रोमांचित हो गया । कृषि से जुड़े परिवार से तालुकात रखने वाले विग्नेश को इस प्रतिष्ठित सॉफ्टवेयर कंपनी में नौकरी मिलने का मतलब एक स्थाई आय थी । नौकरी मिलने की खबर मिलते ही पूरा परिवार खुशी से झूम उठा। लेकिन उसके परिवार की खुशी तब कम हो गई जब विग्नेश ने नौकरी छोड़कर खेती करने का फैसला किया। हालांकि अब दो साल बाद 27 वर्षीय विग्नेश जापान में एक बैगन के खेत में काम करते हुए पहले से दोगुनी सैलरी उठा रहे हैं।
तमिलनाडु के थूथुकुडी जिले में स्थित कोविलपट्ट के रहने वाले विग्नेश ने मनीकंट्रोल को बताया की मुझे हमेशा से कृषि में दिलचस्पी रहती थी। लॉकडाउन के दौरान मुझे अपने जुनून के साथ फिर से जुड़ने का मौका मिला। मैंने अपने परिवार को खेती की ओर रुख करना शुरू कर दिया और जल्द ही महसूस किया कि वास्तव में मेरा यही असली काम है।
परिवार ने फैसले का किया विरोध
विग्नेश का परिवार पहले इस फैसले के पक्ष में नहीं था कि वह सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी छोड़ कर कृषि से जुड़े । परिवार ने उनसे कहा कि खेती में कोई पैसा नहीं है वह चाहते थे कि मेरी एक स्थाई आय हो । फिर उन्होंने बताया कि जब उन्हें जापान में इस अवसर के बारे में पता चला तो उन्हें एक आशा की किरण जगी।
विग्नेश ने कहा मैंने एक दोस्त से एक इंस्टीट्यूट के बारे में सुना जो लोगों को जापान में नौकरी खोजने में मदद करने से पहले जापानी भाषा और संस्कृति में ट्रेनिंग देता है । मैंने खुद वह अप्लाई किया। चेन्नई स्थित निहोन एड्यूटेक् कंपनी भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के सहयोग से काम करती है।
एडुटेक जापानी भाषा संस्कृति शिष्टाचार और टेक्निकल ट्रेनिंग में कुशल श्रमिकों को प्रशिक्षित करती है। ताकि उन्हें जापान में रखा जा सके| 6 महीनों की ट्रेनिंग के बाद विग्नेश कोच्चि प्रान्त में एक बैगन के खेत में एक कृषि कार्यकर्ता के रूप में अपना कार्यकाल शुरू करने के लिए जापान गए।
अब दोगुनी हो गई है सैलरी
इंफोसिस के पूर्व सॉफ्टवेयर इंजीनियर जो पहले ₹40,000 प्रति माह के करीब कमाते थे। वह अब टैक्स भरने के बाद लगभग ₹80,000 कमाते हैं । विग्नेश ने जापान से फोन पर बातचीत में मनीकंट्रोल को बताया कि यहां मै कंपनी के क्वार्टर में मुफ्त में रहता हूं लेकिन मुझे अपनी खाने की जरूरतों का ख्याल रखना पड़ता है।
बैगन के खेत में अपने काम के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा है कि उन्हें फसलों की देखभाल करनी होती है। इसके अलावा जब फसलें तैयार हो जाती है तो वह उनकी कटाई सफाई और प्रोसेसिंग में मदद करते हैं । उन्होंने कहा यहां सीखने के लिए काफी कुछ है। यहां बहुत सारा काम मशीनों पर निर्भर होता है। जो शारीरिक क्षमता को कम करता है ।
कंपनी का बयान
निहोन एडुटेक के CEO कृष्णन नारायणन ने विग्नेश की यात्रा पर टिप्पणी करते हुए कहा, “उन्होंने न केवल एक लक्ष्य निर्धारित करने और प्राप्त करने में बल्कि कुछ अन्य लोगों को भी साथ जापान जाने में मदद की है । यहां तक कि उनके लिए वह एक लीडर है”
इसी बीच CII के एग्जिट डायरेक्टर सौगत राय चौधरी ने कहा कि यहां विशेष रूप से बिजनेस के लिए एक अनूठा अवसर है क्योंकि वहां भारत लौटा चाहते हैं और दूसरों को बेहतर कृषि पद्धतियों के बारे में सिखाने के लिए अपनी अनुभव का उपयोग करना चाहते हैं। उन्होंने कहा जापान के पास सीमित कृषि भूमि है और वे लेटेस्ट उपकरणों और टेक्नोलॉजी के उपयोग के साथ कृषि करते हैं। विग्नेश वहां जो टेक्निक सीख रहे हैं वह भारत में लागू कर सकते हैं ताकि प्रति एकड़ उत्पादकता बढ़ जाए |
परिवार अब खुश है
अंत में जब विग्नेश से पूछा गया कि उनका परिवार उनके बारे में जापान में बैगन की खेती के बारे में क्या महसूस करता है । तो उन्होंने हंसते हुए जवाब दिया कि अब वह ठीक है यहां जानकर कि मैं इंफोसिस में अपनी पिछली नौकरी की तुलना में अधिक पैसा कमा रहा हूं । जबकि मैं अभी भी एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट कंपनी में काम कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का इंतजार है कि कब मै वापस लौट कर उनके साथ अपने अनुभव को कैसे शेयर करूंगा।