कर्नाटक इलेक्शन में कांग्रेस के नेताओं की मांग, राज्य में अडानी का नहीं बल्कि स्थानीय मुद्दे उठाएं राहुल गांधी
कर्नाटक कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि अगर राहुल गांधी अपने पहले पड़ाव के रूप में कोलार से बचें क्योंकि इससे बीजेपी को एक प्वाइंट देने से बचा जा सकता था। राज्य में बीजेपी 10 मई के विधानसभा चुनाव से पहले सत्ता वापसी की चुनौतियों का सामना कर रही है लेकिन राज्य के नेता कार्यक्रम वाली जगह से ज्यादा चिंता इस बात की है कि राहुल गांधी यहां क्या कहेंगे।
राहुल गांधी 10 अप्रैल को वापस उसी जगह लौटेंगे जहां से मानहानि और योग्यता का तूफान खड़ा हुआ था, यानी कोलार।कर्नाटक कांग्रेस राहुल की इस यात्रा को मिली जुली भावनाओं के साथ देख रही है |चुनावी अभियान शुरू करने का फैसला राहुल ने इस विचार के साथ किया था कि वह उस जगह पर वापस जाकर दिखाएंगे। उन्हें केंद्र में भारतीय जनता पार्टी के प्रचार के मुद्दों को उठाया था साथ ही उन्हें माफी मांगने के बजाय कानूनी प्रक्रिया का सामना किया और उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया।
कर्नाटक कांग्रेस के सूत्रों ने न्यूज़18 को बताया कि बेहतर होता अगर वह अपने पहले पड़ाव के रूप में कोलार से बचें क्योंकि इससे बीजेपी को एक प्वाइंट देने से बचा जा सकता था | राज्य में बीजेपी 10 मई के विधानसभा चुनाव से पहले सत्ता वापसी की चुनौतियों का सामना कर रही है
लेकिन राज्य के नेताओं को कार्यक्रम वाली जगह से ज्यादा चिंता इस बात की है कि राहुल गांधी यह क्या कहेंगे। इस बात की बहुत ज्यादा संभावना है कि वह सूरत अदालत के फैसले के बारे में जरूर बोलेंगे । वह यह भी पॉइंट उठाएंगे की कथित तौर पर पीएम मोदी और अडानी के बीच संबंध को लेकर बार-बार उठाए गए उनके सवाल के कारण ही बीजेपी को उन्हें संसद से बाहर करने के लिए मजबूर होना पड़ा। यही कारण है कि राहुल गांधी अडानी का मुद्दा उठाएंगे।
चुनावों के प्रबंधन में शामिल कर्नाटक कांग्रेस के एक शीर्ष सूत्र ने कहा हमने इसे उनकी टीम को बता दिया है और उन्हें सलाह दी है। हमें उम्मीद है कि वह इस मुद्दे को ज्यादा नहीं उठाएंगे एक या दो बार काफी है आखिरकार असली मुद्दे स्थानीय है, जैसे बोम्मई सरकार में भ्रष्टाचार
सूत्रों का मानना है कि राहुल गांधी अपनी बातचीत और दिमाग के लिए जाने जाते हैं और यह बहुत संभव है कि वह स्थानीय नेताओं की ऐसी चिंताओं पर ध्यान नहीं देते।
हालांकि अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि बीजेपी उम्मीद कर रही है की अयोग्य सांसद राष्ट्रीय मुद्दों को उठाएंगे ताकि कर्नाटक में लड़ाई मोदी बनाम राहुल गांधी बन जाए | बीजेपी का अनुमान है कि इससे उसे राज्य चुनाव के दौरान स्थानीय मुद्दे से बचने में मदद मिलेगी, जहां उसे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है |