1 अप्रैल से लगेगा यूपीआई पर चार्ज ? पेटीएम के विजय शेखर शर्मा बोले “इसमें बिल्कुल सत्यता नहीं”
पेटीएम के फाउंडर और सीईओ विजय शेखर शर्मा ने यूपीआई ट्रांजैक्शन को लेकर लोगों में फैले भ्रम को दूर करने की कोशिश की गई है उन्होंने कई सिलसिलेवार ट्वीट पर लोगों को नेशनल पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया के हालिया फैसले को समझाने की कोशिश की और आखिर इंटरचेंज फीस का वास्तविक मतलब कया है ये बताया
पेमेंट के फाउंडर और सीईओ विजय शेखर शर्मा ने यूपीआई ट्रांजैक्शन को लेकर लोगों में फैले भ्रम को दूर करने की कोशिश की गई इस रिपोर्ट में कहा गया था कि 1 अप्रैल के बाद अब 2,000 से अधिक यूपी ट्रांजैक्शन चार्ज लगाया जाएगा। हालांकि यह खबर बाद में गलत निकली विजय शेखर शर्मा ने कई सिलसिलेवार ट्वीट कर लोगों को नेशनल पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया के लिए फैसले को समझाने की कोशिश किया की आखिरी इंटरचार्ज फीस इसका मतलब क्या है शर्मा ने कहा कि आज मैंने यूपीआई को लेकर एक खबर देखी और पाया कि कई लोग और यहां तक न्यूज़ संस्थाओं ने भी यह गलत समझ लिया कि अब यूपीआई पेमेंट पर चार्ज वसूला जाएगा इसमें बिल्कुल सच्चाई नहीं है।
उन्होंने आगे कहा जब यूपीआई लांच किया गया था तो यह पेमेंट स्टोर की ओर से था | मतलब आप अपने बैंक खाते को किसी भी यूपीआई पेमेंट से लिंक कर सकते हैं यूपीआई कम इस्तेमाल करते हैं और पेमेंट करते हैं इसकी शुरुआत यूडर्स कि ओर से किसी ‘यूपीआई हैंडल’ पर भुगतान करने के साथ हुई एक्संपेल -‘abc@xyzbank’
उन्होंने बताया कि कैसे उनकी पेमेंट कंपनी ने लेनदेन के लिए क्यूआर कोड का इस्तेमाल करना शुरू किया विजय शेखर शर्मा ने कहा यूपीआई के जरिए पेमेंट के लिए हैंडल की शुरुआत की थी हालांकि पेमेंट इसकी जगह मर्चेंट के लिए क्यूआर कोड को लोकप्रिय बनाने में सफल रहा बस एक सरल स्कैन और भुगतान हो गया जब हमने पेटीएम और यूपी लॉन्च किया उसके बाद पेटीएम यूजर यूपीआई से जुड़े बैंक खाते से किसी भी दुकानदार को पेमेंट करने में सक्षम थे।
बाद में भारतीय रिजर्व बैंक ने क्यूआर कोड के मानकीकरण की शुरुआत की जिसका मतलब था कि आप एक ही क्यूआर कोड की मदद से किसी भी यूपीआई एप द्वारा पेमेंट कर सकते है।
विजय शेखर शर्मा ने कहा कि तो इस तरह यूपीआई सिस्टम लोकप्रिय हुआ और पेमेंट सोर्स की तरफ से काफी बड़ा बन गया था इसी बीच ने देश की पेमेंट क्रांति पर अगले स्तर की शुरुआत की यूपीआई क्यूआर कोड इस क्रांति का तरीका और वाहन बन गया, फिर आरबीआई ने संभावित भुगतान स्त्रोत को बढ़ाना शुरू किया और क्यूआर क्यूआर नेटवर्क की शक्ति को कई अन्य स्रोतों तक बढ़ाया।
उन्होंने आगे कहा कि इसलिए जब ग्राहकों के पास क्यूआर कोड के जरिए पेमेंट के लिए कई सोर्स होते हैं | तो यह एक तरह के पीओएस या कार्ड मशीन का इस्तेमाल किये जाने अलग-अलग तरह के कार्ड जैसे होते हैं कार्ड मशीन का इस्तेमाल करने मर्चेंट इसका फीस लेते हैं| यह पीस इस पर निर्भर करता है कि ग्राहक कौन सा कार्ड इस्तेमाल करता है क्रेडिट, डेबिट या प्रीपेड कार्ड सब पर अलग-अलग चार्ज होता है।
पेटीएम के सीईओ ने कहा कि कार्ड मशीन मुहैया कराने वाली फर्म पेमेंट इंस्ट्रूमेंट के शॉर्ट्स कंपनी को कितनी राशि का भुगतान करती है उसे इंटरचार्ज कहते है वही जब व्यापारियों में शुल्क लिया जाता है तो इसे एमडीआर कहा जाता है एमडीआर इंटरचार्ज फीस से अधिक या कम हो सकता है क्योंकि इसके लिए अन्य व्यवसायिक कारण होते हैं।