मौसमी बुखार, सर्दी और खांसी के मरीज न लें ये दवाई ,आईएमए ने बचने की दी सलाह
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने देश भर के डॉक्टरों को सलाह दी है कि मौसमी बुखार सर्दी खांसी के लिए एंटीबायोटिक्स दवाएं लिखने से बचें क्योंकि H3N2 वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं देश के सबसे बड़े मेडिकल बॉडी ने अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट पर एक नोटिस के जरिए यह जानकारी दी है कि सोशल मीडिया पर पहुंच किए गए एक नोटिस में आई एम ए ने ऐसे मरीजों की एंटीबायोटिक्स दवाओं के नुस्खे से बचने की सलाह दी गई है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने शुक्रवार को देशभर के डॉक्टरों और चिकित्सा को सलाह दी है कि वह मौसमी बुखार सर्दी खांसी के लिएंटीबायोटिक्स दवाएं लिखने से बचें क्योंकि H32 वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं देश के सबसे बड़े मेडिकल बॉडी मैं अपने सभी सोशल मीडिया पर एक नोटिस के जरिए जानकारी दी है सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक नोटिस में मौसमी बुखार, सर्दी-खासी मरीजों को दवाइयों के नुस्खे से बचने की सलाह दी गई है।
आईएमए की स्टैंडिंग कमेटी फॉर एंटी-माइक्रोबियल रेजिस्टेंस की ओर से जारी नोटिस के मुताबिक मौसमी बुखार 5 से 7 दिनों तक रहेगा | नोटिस में आगे का एक ही बुखार 3 दिन के बाद चला जाता है लेकिन खांसी 3 सप्ताह तक बनी रहती है यह ज्यादातर 50 साल के ऊपर के कम आयु के लोगों में होता है नोटिस में कहा गया है कि वायु प्रदूषण इस वायरस के मुख्य कारणों में से एक है |
मेडिकल बॉडी ने डॉक्टरों से केवल सिम्पटोमैटिक ट्रीटमेंट देने की अपील की है | आईएमए के मुताबिक कई एंटीबायोटिक्स दवाइयों का दुरुपयोग किया जा रहा है उदाहरण के लिए डीडीए के 70% मामले वायरल डायग्नोसिस के होते हैं जिसके लिए एंटीबायोटिक्स की जरूरत नहीं होती है लेकिन डॉक्टर द्वारा अक्सर एंटीबायोटिक्स दवाएं देने की सलाह दी जाती है।
नोटिस के मुताबिक सबसे ज्यादा गलत इस्तेमाल की जाने वाली एंटीबायोटिक्स,Amoxicillin, Norfloxacin, Oprofloxacin, Ofloxacin है | इसका उपयोग डायरिया और यूटीआई के लिए किया जा रहा है आई एम ए काय की एंटीबायोटिक्स दवाइयों को निर्धारित करने से पहले यह पता लगाना अवश्य है कि इंफेक्शन वायरल है या नहीं | मेडिकल एसोसिएशन में संक्रमण की रोकथाम के लिए लोगों से भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचने की सलाह दी गई है साथ ही अच्छे से हाथ धोने की अपील की गई है।