भारत में बढ़ती जा रही है गर्मी, गर्मी ने एक और ऊर्जा संकट की बढ़ाई चिंता
इम्पोर्टेड कोयले का उपयोग करके बिजली उत्पादन करने वाले पावर स्टेशनों को पहले ही गर्मी के मौसम में ब्लैकआउट से चलने और घरेलू कोयले की आपूर्ति पर दबाव घटाने के लिए अगले 3 महीने तक पूरी क्षमता से उत्पादन का आदेश दिया गया है भारत के ऊर्जा मंत्रालय के मुताबिक अप्रैल में बिजली की मांग रिकॉर्ड 229 गीगावॉट तक पहुंच सकती है।
भारत में कुछ हिस्सों में उच्च तापमान ने हाल के सपनों में बिजली की मांग को लगाता रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा दिया गया है इससे बिजली आपूर्ति पर गर्मी की एक और दबाव की चिंता बढ़ गई है जनवरी में बिजली की चरम मांग 211 मेगावाट तक पहुंच गई है यह भी गर्मी में एक सबका लिक उच्च स्तर के करीब थी जब महामारी के प्रतिबंधों के हेवी इंडस्ट्री फिर से शुरू हुई थी और अब आदि ने विषम परिस्थितियों का सामना किया था इसने उस समय 122 साल पुराने गर्मी के रिकॉर्ड को तोड़ दिया था पिछले सप्ताह कुछ क्षेत्रों में तापमान सामान्य से 11 डिग्री सेल्सियस ऊपर आए भारतीय मौसम विभाग के अनुसार किसानों को गर्मी के चलते गेहूं और अन्य फसलों की जांच करने की सलाह दी गई है।
गर्म मौसम की असामान्य रूप से शुरुआत और यह पूर्व अनुमान है कि सिंचाई पंप और एयर कंडीशन की जोरदार बिक्री के कारण बिजली की खपत में वृद्धि होना अवश्य रूप से मुमकिन है | यह इस चिंता को बढ़ावा दे रहे कि लगातार 2 वर्षों के व्यवधान के बाद देश का ऊर्जा नेटवर्क नहीं दबाव में आ जाएगा
आयातित कोयला का उपयोग करने वाले पावर स्टेशनों को पहले ही गर्मी के मौसम में ब्लैकआउट से बचने और घरेलू कोयले की आपूर्ति पर दबाव कम करने के लिए 3 महीने के लिए पूरी क्षमता से काम करने का आदेश दिया गया है| भारत के ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार अप्रैल में बिजली की मांग 229 गीगावॉट की नई ऊंचाई पर पहुंच सकती है।
राजस्थान के उत्तरी राज्य में बिजली मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा जिस तरह से सामान बड़ा है फरवरी में या काफी सामान्य है स्थिति हमारे लिए चिंता का विषय बनती जा रही है | जहां पहले से ही घरों और किसानों को बिजली की आपूर्ति की जा रही है बिजली की मांग पिछली गर्मी की तुलना से 20 से 30% बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है बिजली आपूर्ति में कटौती के अलावा कई अन्य विकल्प नजर नहीं आ रहा है।
भारतीय मौसम विभाग में मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय मोहपात्रा के अनुसार बिजली प्लांट्स में वोलैटाइल कोयले का भंडार ऊर्जा सुरक्षा को जोखिम में डालता है। उन्होंने कहा, ‘फरवरी के महीने में इस तरह का तापमान मिले तो चिंतित होना स्वाभाविक है।