सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज जब जन्मे भी नहीं थे तब से पेंडिंग है केस
जनता का आखिरी भरोसा न्यायपालिका पर होता है किसी भी अन्याय के खिलाफ यह न्याय लोग का सहारा लेती है अब इसका क्या किया जाए कि न्यायालय प्रक्रिया कुछ ऐसी जटिल है जो कि आसानी से मुकदमों का निपटारा नहीं होता चर्चित मामलों में भले ही कुछ तेजी हो लेकिन आम मामलों में न्यायिक प्रक्रिया धीमी रफ्तार से काम करती है इस बात को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति भी जानते हैं 2022 के आखिरी दिन देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस चंद चुंड ने आंध्र प्रदेश में कहां देश के जुडिशल सिस्टम को तारीख पे तारीख वाली छवि बदलने की जरूरत है सीजेआई इस कमेंट की वजह है कि देश अदालतों में करोड़ों पेंडिंग केस है टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्टिंग के मुताबिक देश के सबसे पुराना पेंडिंग क्रिमनल केस 69 वर्ष पुराना है यहां मामला 18 मई 1953 को महाराष्ट्र के रायगढ़ में दर्ज किया गया था
इसी तरह कई सिविल और क्रिमनल केस दाखिल किए गए थे जब सुप्रीम कोर्ट के मौजूद 27 जज में से किसी एक का जन्म नहीं हुआ था इस समय सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस निर्देश महेश्वरी सबसे सीनियर है उनका जन्म 15 मई 1958 में हुआ था यानी सबसे सीनियर जज का जन्म भी इसके के दाखिल होने के 5 साल बाद हुआ था महाराष्ट्र के रायगढ़ में पुलिस ने 18 मई 1953 को नशीले पदार्थ रखने के मामले में केस दर्ज किया था महाराष्ट्र अधिनियम 1949 की धारा 65 के इस मामले में उसी साल रायगढ़ के फर्स्ट क्लास जुडिशल मजिस्ट्रेट ने आरोपी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया इस मामले में दोषी पाए जाने पर 3 साल की जेल और ₹25000 जुर्माना से लेकर 5 साल की जेल और 50 हजार जुर्माना किया गया है
नेशनल जुडिशल डाटा ग्रिड के आंकड़ों से पता चलता है कि यह केस 9 फरवरी 2023 को सुनवाई के लिए लिस्ट किया गया है इस रिकॉर्ड में इसका जिक्र नहीं है कि 69 साल पुराने किसका आरोपी अब जिंदा है या नहीं अगर आरोपी जिंदा भी होगा तो बुजुर्ग हो चुका होगा महाराष्ट्र के ही रायगढ़ में 25 मई 1956 को एक चोरी का मामला दर्ज हुआ था इसमें मालिक की संपत्ति चोरी करने के मामले में धारा 381 के तहत केमिकल केस दाखिल हुआ था इसमें दोषी साबित होने पर 7 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी यह मामला अब फर्स्ट क्लास जुडिशल मजिस्ट्रेट की कोर्ट में चल रहा है पश्चिम बंगाल में मलाद जिले मैं 3 अप्रैल 1952 को दायर हुआ केस का भी अभी तक फैसला नहीं हुआ है पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे का यह मामला मलाड़ा के सिविल कोर्ट में हुआ था केस के 66 साल बाद 2018 को कोर्ट को बताया जाए कि इस मामले के फरियादी नंबर 4 की मौत हो गई है इसके बाद जज ने उसकी पत्नी और 3 बच्चों को पार्टी बनाने का आदेश दिया तब से इस केस में कोई प्रगति नहीं हुई देश का दूसरा सबसे पुराना सिविल केस मालदा के सिविल कोर्ट में चल रहा है