हल्द्वानी के लोगो को बड़ी राहत अब नहीं चलेगा अब बुलडोजर
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक,और कहां पचास हजार लोगों का रातों-रात नहीं उजाड़ सकते आशियाना
हल्द्वानी में रेलवे की जमीन से पचास हजार लोगों को हटाया जाने से जुड़े केस पर सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में स्टे लगा दिया है इस केस की अगली सुनवाई 7 फरवरी २०२३ को होनी है
हल्द्वानी में रेलवे की जमीन से पचास हजार लोगों को हटाए जाने के उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को रोक लगा दी | सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इतने सारे लोग इतने समय से वहां रह रहे हैं उनका पुनर्वास तो जरूरी है 7 दिन में यह लोग जमीन कैसे खाली करेंगे? सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए कहा है कि पचास हजार लोगों को रातों-रात नहीं हटा सकते | और सुप्रीम कोर्ट ने कहां है कि अब उस जमीन पर कोई कंस्ट्रक्शन और डेवलपमेंट नहीं होगा हमने इस पूरी प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाई है केवल हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई है |
इस केस की अगली सुनवाई 7 फरवरी को होगी उत्तराखंड हाईकोर्ट ने रेलवे की 29 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जे को गिराने का आदेश दिया था वहां करीब चार हजार से ज्यादा परिवार रहते हैं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि वह रेलवे की जमीन है रेलवे विभाग का हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा चल रहा है हमने पहले ही कहा है कि जो कभी कोर्ट का आदेश होगा हम उसके अनुसार आगे की कार्रवाई करेंगे राज्य सरकार और रेलवे का कहना है कि याचिकाकर्ताओं का जमीन पर दावा उनका अपना है यह जमीन दिल्ली की है वहां रह रहे लोगों ने किसी तरह का पुनर्वास नहीं मांगा है और दूसरी बात यह है कि यह जमीन रेलवे के डेवलपमेंट और सुविधाओं के लिए जरूरी है
यह राज्य के विकास के लिए जरूरी है क्योंकि यह उत्तराखंड का दरवाजा है और तीसरी बात यह है कि सब कुछ रातों-रात नहीं हुआ है पूरी कानूनी प्रक्रिया का पालन हुआ है सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए कहा है कि पचास हजार लोगों को रातों-रात भेजा नहीं किया जा सकता है
पूरी जानकारी के लिए इस लिंक पर प्रेस करें :-https://www.socialawaaz.com/before-the-land-encroachment-action-of-the-railway-in-haldwani-a-flood-of-people-gathered-on-the-roads-to-save-their-homes/