तंबाकू उत्पाद पर 75% तक कर लगेगा
अगले बजट में डब्ल्यूएचओ की सिफारिश को लागू करें सरकार को ज्यादा राजस्व और तंबाकू के सेवन में कमी लाने में मदद मिलेगी
नए साल की शुरुआत में बजट की तैयारी तेजी से हो रही है इस बीच देश में आने वाले अर्थशास्त्र ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह अगले बजट में तंबाकू उत्पादों पर डब्ल्यूएचओ की सिफारिश के अनुसार 75 फ़ीसदी कर बढ़ा दे इससे सरकार को ज्यादा राजस्व मिलेगा और लोग इसके सेवन में कमी करेंगे।
लखनऊ के विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ अरविंद मोहन ने कहा कि देश को पांच खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को केवल निवेश से हासिल नहीं किया जा सकता इसमें कोई कारक उत्पादन जैसी विशेषताओं को भी लागू करना होगा इसमें कुल कारक उत्पादकता ( जैसे विकल्पों को भी लागू करना होगा जिसमें इस प्रकार के उत्पादों में करों की बढ़ोत्तरी शामिल है। तंबाकू से देश में तेरा लाख लोगों की हर साल मौत हो जाती है और लगभग एक करोड़ लोग गरीबी में चले जाते हे हैं इसलिए तंबाकू नियम मैं बदलाव जरूरी है एक अध्ययन के अनुसार पिछले 10 वर्षों में सिगरेट बीड़ी और धुआं रहित तंबाकू तेजी से सस्ते हो रहे है | जुलाई 2017 में जीएसटी आने के बाद तंबाकू करो मैं कोई विधि नहीं आई है
वर्तमान जीएसटी दर मुआवजा उपकर, अनसीसीडी और केंद्रीय उत्पाद शुल्क को जोड़कर ,कुल कर बोझ सिगरेट के लिए लगभग 52.7 बीड़ी के लिए 22 और दुआ रहित तंबाकू के लिए 63.8 है । डब्ल्यूएचओ सभी तंबाकू उत्पादों के लिए खुद्दार मूल्य के कम से कम 75 कर के बोझ की सिफारिश करता है सभी तंबाकू उत्पादों पर मौजूदा कर का बोझ इससे कहीं कम है। इंस्टिट्यूट ऑफ इनको इंस्टीट्यूट ऑफ इनकनोमिक ग्रोथ, के प्रोफेसर प्रवीण साहू ने कहा कि तंबाकू उत्पादों पर उच्च कराधान के स्वरूप कीमतें ज्यादा होती है जो कि तंबाकू की खपत और इसकी शुरुआत को दिशा को कम करने और हतोत्साहित करने के सबसे विपत्ति आसान और प्रभावी तरीकों में से एक है
यदि हम आय और मुद्रास्फीति में वृद्धि को ध्यान में रखते है। तो जीएसटी के बाद की अवधि के दौरान तंबाकू के उत्पादों पर कर की दर में ज्यादा बिजी नहीं हुई है इससे यह उत्पाद अपेक्षाकृत सस्ते हो गए हैं , भारत दुनिया में तंबाकू का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है जिसका मानव स्वास्थ्य जीवन के नुकसान देखभाल व संदर्भ में बहुत बड़ा प्रभाव इसलिए अब समय आ गया है कि अधिक कर लगाकर तंबाकू उत्पादों को महंगा बनाया जाए