इंडियन रेलवे जून में चलाएगी 600 माल गाड़ियां, देश में बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए उठाए गए कदम
आने वाले वक्त में बिजली की खपत को देखते हुए इंडियन रेलवे ने अलग से सैकड़ों माल गाड़ियों को चलाने का प्लान बनाया है । भारतीय रेलवे ने जून तक केवल थर्मल पॉवर परियोजनाओं के लिए कोयले की ढुलाई के लिए रोजाना लगभग 600 माल गाड़ियों को चलाने का रोड मैप बनाया है। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि हमें उम्मीद है कि जून तक अधिकतम कोयले की मांग बढ़कर 7.5 करोड़ टर्न हो जाएगी ।
कुछ ही दिनों में गर्मियों का प्रकोप बढ़ जाएगा ऐसे में देश के अंदर बिजली की खपत भी तेजी से बढ़ती चली जाएगी। आने वाले वक्त में बिजली की डिमांड को देखते हुए इंडियन रेलवे ने अलग से सैकड़ों माल गाड़ियों को चलाने का प्लान बनाया है । भारतीय रेलवे ने जून तक केवल थर्मल पॉवर परियोजनाओं के लिए कोयले की ढुलाई के लिए रोजाना लगभग 600 गाड़ियों को चलाने का रोड मैप बनाया है।
7.5 करोड़ हो जाएगी कोयले की डिमांड
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि हमें उम्मीद है कि जून तक अधिकतम कोयले की मांग बढ़कर 7.5 करोड़ हो जाएगी और हमने इसके लिए एक रोडमैप तैयार किया है। जिसके अनुसार हम हर महीने 35 से 40 ट्रेनों को कोयले की ढुलाई के लिए इस्तेमाल की जाने वाली माल गाड़ियों को बढ़ा रहे हैं | उनका कहना है कि भारतीय रेलवे कोयले की ढुलाई के लिए जून तक लगभग 4000 वैगन या 80 माल गाड़ियों को जोड़ने की तैयारी कर रहा है। रेलवे मंत्रालय ने कहां मांग बढ़ने की स्थिति में रेलवे ने जून और जुलाई में कोयले की ढुलाई के लिए 3000 वैगन या 60 माल गाड़ियों को और आबटित करने की योजना बनाई है।
थर्मल प्लांट को कच्चा माल सप्लाई करने की भी है प्लानिंग
कोयले की ढुलाई के लिए वैगनो की संख्या बढ़ाने के अलावा, रेलवे देश के सभी महत्वपूर्ण थर्मल प्लान पावर परिजनों को कच्चा माल उपलब्ध कराने के लिए विद्युत मंत्रालय और कोयला मंत्रालय के साथ मिलकर काम कर रहा है। मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा हमें कॉरिडोर बेस्ट विजन अपनाया है और कोल कॉरिडोर सबसे अहम है। रेल मंत्रालय के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि भारतीय रेलवे वर्तमान में देश भर में कोयला के परिवहन के लिए करीब 460 माल गाड़ियों का प्रयोग करता है।
जून तक जोड़ी जाएगी कुछ और माल गाड़ियां
इंडियन रेलवे ने फरवरी से 70 ट्रेनों को कोयले की ढुलाई के लिए इस्तेमाल की जाने वाली माल गाड़ियों की तादाद में इजाफा किया है | और जून तक हर महीने 30 और ट्रेनों को जोड़ने की परियोजना बनाई गई है । भारतीय रेलवे को 2023 – 24 में 50,000 वैगनो की डिलीवरी लेने की उम्मीद है। एक मालगाड़ी में लगभग 50 वैगन होते हैं । और एक समय में 4000 टन कोयला ले जाते हैं। और वह गुणों की संख्या के साथ रेलवे ने कोयले को ले जाने वाले की संख्या में सुधार करने की योजना बनाई है। दूसरे अधिकारी ने कहा कि रेलवे ने देशभर में कोयला वितरण नेटवर्क को तेज करने के लिए मल्टीपल वैगन सिस्टम पेश किया है।
कोयले की सप्लाई पर काम कर रही है रेलवे
वही रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमने दो थर्मल विद्युत संयंत्रों में एक साथ कई वैगन टिपलरो टेक्निकल को शुरू किया है | इन ट्रायल पर एक पॉइंट पर तीन कोयला वैगनों को गिराया जा रहा है । एक बार यह ट्रायल हो जाने के बाद हम देश भर में कोयले की सप्लाई चैन में नाटकीय रूप से सुधार करने के लिए उन्हें लांच करने पर विचार करेंगे। अतिरिक्त वैगन टिप्पलरो के साथ भारतीय रेलवे बिजली घरों में कोयला के वैगनो को डी लोड करने के लिए अतिरिक्त वैगन अनलोडिंग लाइनों की भी तलाश कर रहा है।
बिजली मंत्रालय ने पेश किये है आंकड़े
बिजली मंत्रालय के आंकड़ों से पता चला है कि 25 अप्रैल को थर्मल प्लांटों के पास कम से कम 35 मीट्रिक टर्न कोयले का स्टॉक था | मार्च में यह संख्या लगभग 30 से 35 मीट्रिक टन थी | भारत में 165 थर्मल पावर प्लांट है जो घरेलू कोयले पर काम करते हैं। थर्मल पावर प्लांट में कोयले का मानक स्टॉक का लगभग 53% है जो आदर्श रूप से लगभग 67. 6 मीट्रिक टन होना चाहिए | कोयला मंत्रालय के आकडों से पता चलता है कि मार्च 2022 में 65 मेट्रिक टन की तुलना में इस वर्ष मार्च के दौरान बिजली उपयोगिताओं को कोयले की डिस्पैच 4.5% बढ़ाकर 68.36 मेट्रिक टन हो गई |
बने हुए हैं लॉजिस्टिक के मुद्दे
एक और सरकारी अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर यह बताया कि लॉजिस्टिक से जुड़े मामले अभी भी बने हुए हैं। हालांकि पिछले साल के मुताबिक इसे काफी हद तक हल भी कर लिया गया है। कुछ स्टॉक है जो पारादीप बंदरगाह पर ढेर हो गए हैं और संपादित बिजली उत्पादन इकाई कोयले को उठाने की व्यवस्था कर रही है । परिवहन के मोर्चे पर कुछ बाधाएं भी है। रेलवे वैगनो की संख्या बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।
रेलवे ने 555. 20 मीट्रिक टन कोयले का ट्रांसपोर्ट किया था
वित्तीय वर्ष 2017 से 18 में भारतीय रेलवे ने बिजली क्षेत्र में 555.20 मीट्रिक टन कोयले का ट्रांसपोर्ट किया था | FY19, FY20, FY21 और FY22 में, इसने क्रमशः 605.84 MT, 586.87 MT, 541.82 MT और 652.80 MT की आपूर्ति की थी। FY23 में, राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर ने 4,500 किलोमीटर नई लाइनों को चालू करने का लक्ष्य रखा है। जिसमें से अधिकांश कोयला वाले मार्ग पर है। यहां 100 से अधिक परियोजनाओं में लगभग 1 लाख करोड़ का निवेश भी कर रही है। पिछले साल भारतीय रेलवे ने अतिरिक्त रेलगाड़ियां और रेक लगाकर कोयले की ढुलाई में तेजी लाई थी | FY22 के दौरान रेलवे के माध्यम से कोयले की आपूर्ति रिकॉर्ड 111 मीट्रिक टन रही।
2023 में कितनी पहुंच सकती है बिजली की डिमांड
2023 में भारत की अधिकतम बिजली मांग 230GW तक पहुंचने की उम्मीद है जो जनवरी में पहले ही 211GW को छू चुकी थी। जो अप्रैल 2022 में 216 के सर्वकालिक उच्च स्तर के करीब थी | बिजली मंत्रालय ने हाल ही में देश में बिजली की मांग को पूरा करने के लिए सभी आयातित कोयला आधारित थर्मल प्लांट को 16 मार्च से 15 जून के बीच पूरी क्षमता से काम करने का निर्देश दिया था।